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रिव्यू: क्रांतिकारी तो नहीं, लेकिन हीरे की तरह तराशा गया iPhone 8

iPhone 8 और iPhone 8 Plus की बिक्री भारत में शुरू हो चुकी है. कुछ दिनों से iPhone 8 यूज कर रहा हूं और अब आप नए iPhone का रिव्यू पढ़ें और खुद तए करें कि क्या है इसमें खास और iPhone 7 या किसी भी दूसरे फ्लैगशिप स्मार्टफोन्स से यह कैसे अलग है.

डिजाइन और बिल्ड क्वॉलिटी

बिल्ड क्वॉलिटी के मामले में काफी सालों से ऐपल का कोई जवाब नहीं है और इस बार भी कंपनी ने iPhone 8 की बिल्ड क्वॉलिटी से यह साबित किया है कि वो इस मामले में बेस्ट है. डिजाइन की बात  करें तो पिछले दो साल से कमोबेश कंपनी एक जैसे ही डिजाइन वाले iPhone लॉन्च कर रही है. लुक iPhone 7 जैसा है, लेकिन फील के मामले में यह iPhone 7 से बेहतर है. इस बार एल्यूमिनियम नहीं, बल्कि ग्लास बैक है और यह ऐसे तराशा गया है जिसे होल्ड करना काफी आसान है.

ऐंटेना लाइन्स नहीं दिखते सिर्फ दोनों तरफ विजिबल हैं. कैमरा बंप अभी भी है, लेकिन इस बार फ्लैश मॉड्यूल को ग्लास बैक के अंदर कर दिया गया है जो शानदार है. इसके अलावा अब ऐपल का लोगो टच करने से फील नहीं होता, क्योंकि इसे भी ग्लास के अंदर कर दिया गया है. रियर पैनल के नीचे की तरफ iPhone लिखा है और यहां सर्टिफिकेशन भी है. हालांकि अमेरिका में बिकने वाले iPhone 8 में ऐसा लिखा नहीं है और क्लीन है.

स्पीकर ग्रिल हमेशा की तरह नीचे है और इस बार भी हेडफोन जैक नहीं दिया गया है. साइड में पहले जैसे ही कीज हैं. होम बटन की जगह हैप्टिक फीडबैक है जिसे कंपनी ने iPhone 7 के साथ लाया था.

डिस्प्ले

पिछले कई सालों से ऐपल अपने स्मार्टफोन में एलसीडी डिस्प्ले लगा रहा है, जबकि सैमसंग की प्रतिद्वंदी सैमसंग अपने फ्लैगशिप स्मार्टफोन्स में OLED डिस्प्ले देती है जो एलसीडी से काफी बेहतर होती है. इस बार भी ऐपल ने iPhone 8 में एलसीडी डिस्प्ले का इस्तेमाल किया है. इस बार डिस्प्ले में नया ये है कि कंपनी ने ट्रू टोन टेक्नॉलॉजी का यूज किया है जो खुद से कलर टेंप्रेचर सराउंडिंग्स के हिसाब एडजस्ट करता है और यह एक बेहतरीन फीचर है. स्क्रीन 4.7 इंच की है जिसका रिजोलुशन 1334X750 है यानी एचडी. ऐसा ही iPhone 7 में भी दिया गया है.

डिस्प्ले में दूसरे बदलाव के तौर पर ब्राइट कलर्स दिए गए हैं जो इसे देखने और यूज करने में iPhone 7 से अलग करते हैं.

परफॉर्मेंस

क्या iPhone 8 दुनिया का सबसे तेज स्मार्टफोन मे है? क्या आप इससे कंप्यूटर वाले काम कर सकते हैं? क्या इसमें इंटेल के कंप्यूटर प्रोसेसर जैसी तेजी है? जाहिर है अजीब सवाल हैं. आइए इनके जवाब ढूंढते हैं. ऐपल की खासियत यह है कि कंपनी iPhone के लिए खुद प्रोसेसर डिजाइन करती है. इस बार कंपनी ने iPhone 8 में A11 Bionic प्रोसेसर लगाया है और आपको बता दें कि 1 लाख रुपये वाले iPhone X में भी यही प्रोसेसर लगा है. यह छह ऐक्टिव कोर वाला पावरफुल प्रोसेसर है, जिनमें से दो हाई परफॉर्मेंस हैं जबकि चार हाई इफिशिएंसी कोर हैं.  

बेंचमार्क रिजल्ट्स के मुताबिक iPhone 8 पिछले सभी iPhone से ज्यादा फास्ट है यहां तक एंट्री लेवल 13 इंच मैकबुक प्रो से भी फास्ट है.

काफी दिनों तक iPhone 8 इस्तेमाल करने के बाद यह कह सकता हूं कि यह काफी फास्ट है और किसी तरह के हैंग होने या स्लो की कोई गुंजाइश नहीं है. हेवी ऐप्स, गेमिंग, ब्राउजिंग और म्यूजिक से कोई फर्क नहीं पड़ता. फोन गर्म नहीं होता और इसका प्रोसेसर इसे आराम से चलाता है और iPhone 8 स्लो नहीं होता. हालांकि अगर आप पावर यूजर नहीं तो आपको शायद iPhone 7 के मुकाबले इसकी परफॉर्मेंस में बदलाव न दिखे. लेकिन हेवी यूसेज और गेमिंग में आप आसानी से इस प्रोसेसर का कमाल देख सकते हैं. iOS 11 के साथ iPhone 8 हाईपरलूप की तरह तेज चलता है. हाईपरलूप नहीं पता तो बता दें ये एक कॉन्सेप्ट है और आने वाले समय में ये हवाई जहाज से भी तेज चलेगा.

कैमरा

क्या iPhone 8 का कैमरा इस प्लैनेट का बेस्ट स्मार्टफोन कैमरा है? क्या इससे डीएसएलआर की तरह तस्वीरें क्लिक कर सकते हैं? क्या इससे चांद की तस्वीर जूम करके ले सकते हैं? चूंकि 60 हजार से ऊपर का स्मार्टफोन खरीद रहे हैं तो ऐसे सवाल लाजमी हैं. इतना समझ लीजिए की जो भी हो iPhone 8 का कैमरा आपको निराश नहीं करेगा. चाहे रौशनी कम हो या ज्यादा एचडीआर मोड पर रखें या ना रखें, सिर्फ ऑटो फोकस में डालें और इसका कैमरा बेस्ट तस्वीर क्लिक करेगा. आप चाहें तो इसे डीएसएलआर से मिला सकते हैं. चूंकि यहा डुअल कैमरा वाला iPhone नहीं है इसलिए इसमें डेप्थ इफेक्ड या बोके इफेक्ट जिससे बैकग्राउंड ब्लर होता है ये फीचर नहीं है.

एक बात ध्यान रखें इस सेग्मेंट के सैमसंग के स्मार्टफोन ऐसी तस्वीरें क्लिक करते हैं जो देखने में ज्यादा अच्छी लगती है. लेकिन ऐपल का मानना है कि वो असली तस्वीर ही दिखाएगा, इसलिए कुछ कड़वी सच्चाई के लिए भी तैयार रहे हैं, क्योंकि यह आइने की तरह है. Galxy Note 8 या Galaxy S8 से ली गई तस्वीरें सेचुरेटेड होते हैं जिससे देखने में तस्वीरें अच्छी लगती हैं. कैमरा iPhone 7 के मुकाबले काफी बेहतर तो नहीं लेकिन निश्चित तौर पर उसे अच्छा है.

iPhone 8 से 60 फ्रेम प्रति सेकंड्स पर 4K वीडियो रिकॉर्ड कर सकते हैं और बात स्लो मोशन की तो यहां भी आप चाहें तो 240 फ्रेम प्रति सेकंड्स की दर से 1080p स्लो मोशन वीडियो रिकॉर्ड कर सकते हैं. इसके लिए आपको कैमरा सेटिंग्स में जाकर कुछ बदलाव करने होंगे. iPhhone 7 Plus में आपको 4K रिकॉर्डिंग 30 फ्रेम प्रति सेकंड्स तक ही मिलती है. स्लो मोशन भी iPhone 7 Plus में 720p कर सकेंगे वो भी 240 फ्रेम प्रति सेकंड्स की दर से.

कुल मिला कर इसका कैमरा शानदार है और इस सेग्मेंट का बेस्ट कैमरा है. चाहे वीडियो रिकॉर्ड करना हो या तस्वीरें क्लिक करनी हो यह कमाल का है. इसके अलावा फोटोज क्लिक काफी तेजी से होता है आंखें झपकेंगी इससे पहले आप कई तस्वीरें क्लिक कर चुके होंगे.

 

वायरलेस चार्जिंग

क्या iPhone 8 बिना केबल के ही चार्ज हो जाएगा? क्या इसके लिए कोई खास तरह के टूल की जरूरत होगी? क्या बिना सॉकेट में लगाए मोबाइल चार्ज होगा? जी. बिल्कुल iPhone 8 में ग्लास बैक देने के पीछे यही मकसद है कि इसे वायरलेस चार्ज किया जा सके. ऐपल ने Qi वायरलेस चार्जिंग टेक यूज किया है जिसे ची प्रोनाउंस करते हैं. फिलहाल ऐपल ने अपना चार्जिंग पैड बेचना शुरू नहीं किया है, इसलिए थर्ड पार्टी वायरलेस चार्जिंग से इसे चार्ज किया जा सकता है. हमने इसे सैमसंग के वायरलेस चार्जिंग पैड पर टेस्ट किया है तो यह अच्छे से काम करता है. कवर लगा कर भी आसानी से चार्ज किया जा सकता है. हालांकि इसके जरिए फास्ट चार्जिंग नहीं हुई. कंपनी के साथ दिए गए केबल से भी हालांकि फास्ट चार्जिंग नहीं होती है.

भले ही आपको ऐपल ने इसके साथ फास्ट चार्जर नहीं दिया है, लेकिन अब iPhone 8 में फास्ट चार्जिंग का सपोर्ट दिया गया है. इसके लिए किसी भी थर्ड पार्टी चार्जर जिसका पावर ज्यादा हो यूज किया जा सकता है. 29W के चार्जर से आप iPhone 8 को लगभग आधे घंटे में 50 फीसदी तक चार्ज कर सकते हैं. बॉक्स में पुराना चार्जर है जो 5W का है.

रिव्यू के दौरान एक बात हमने नोटिस की है, वो ये कि सैमसंग के वायरलेस चार्जिंग पैड के साथ थोड़े देर में फोन हल्का गर्म होता है.

ऑग्मेंटेड रियलिटी

ऑग्मेंटेड रियलिटी यानी AR. यह एक कदम आगे की टेक्नॉलॉजी और फीचर है. अगर आपने पोकेमॉन गो खेला है तो वो ऑग्मेंटेड रियलिटी बेस्ड गेम है. साधारण शब्दों में कहें तो ऑग्मेंटेड रियलिटी के जरिए आप असली सर्फेस पर वर्चुअल ऑब्जेक्ट रख सकते हैं. iPhone 8 में ये फीचर है, लेकिन ये अब iPhone 7 और 7 Plus में भी है. क्योंकि iOS 11 में ऐपल ने ARKit दिया है जो ऑग्मेंटेड रियलिटी के लिए ही है.  इसलिए इसके साथ ये सपोर्ट दूसरे iPhone  में भी आ गाया है. लेकिन iPhone 8  में ऑग्मेंटेड रियलिटी से जुड़े ऐप सबसे ज्यादा सटीक काम करते हैं.

ऐप स्टोर्स पर कुछ ऐप्स हैं जैसे मेजरमेंट करने वाला इससे आप घर में रखे टेबल, बेड या टीवी का मेजरमेंट कर सकते हैं. इसके अलावा ऑग्मेंटेड रियलिटी गेम्स iPhone 8 पर खेलना एक सुखद अनुभव रहा. गूगल ने टैंगो प्रोजेक्ट के तहत कुछ स्मार्टफोन्स लाए हैं जिसमें ऐसे फीचर्स दिए गए हैं. लेकिन उम्मीद है iPhone के बाद ऑग्मेंटेड रियलिटी दूसरे बजट  स्मार्टफोन्स में भी देखने को मिलेंगे. कुल मिलाकर ऑग्मेंटेड रियलिटी फीचर कमाल का है और आपको एक अलग दुनिया का अहसास दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ता है.

क्या आपको iPhone 8 लेना चाहिए?

अगर आपके पास iPhone 7 या 7 Plus है तो आप iPhone X का इंतजार कर सकते हैं. लेकिन आप एंड्रॉयड यूजर हैं और आपको iPhone खरीदना है और इसके लिए आप एक लाख रुपये नहीं लगाना चाहते हैं तो यह स्मार्टफोन आपके लिए बेस्ट है. अगर iPhone 7 है तो थोड़े पैसे बचा कर रखें और iPhone X का इंतजार कर लें. ‘iPhone 8 एक शानदार स्मार्टफोन है, लेकिन क्रांतिकारी नहीं’

आज तक रेटिंग – 4/5

 

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