रिश्वत न देने पर पीड़ित को थाने से भगाया, सीएम से लगायी न्याय की गुहार
लखनऊ: सूबे में भारी बहुमत से भाजपा की सरकार बनते ही लोगों में यह आशा जागी थी कि इस सरकार में कानून-व्यवस्था पर सख्ती से पालन किया जायेगा। मुख्यमंत्री अपने मातहतों को चाहे कितने भी दिशा निर्देश दे दें लेकिन पुलिस महकमा सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। चर्चा में रहने वाले मलिहाबाद कोतवाल पर 20 हजार रूपये रिश्वत मांगने का आरोप एक फरियादी द्वारा लगाया गया है। यही नहीं रिश्वत देने में असमर्थता जताने पर कोतवाल ने फरियादी को थाने से भगा दिया। पीड़ित ने कोतवाल के खिलाफ कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री व एसएसपी से न्याय की गुहार लगायी है।
मुख्यमंत्री व एसएसपी को भेजे गये शिकायती पत्र में नत्थाखेड़ा, गौंदा निवासी पीड़ित राजकुमार पुत्र छोटेलाल ने आरोप लगाये है कि उसकी पुश्तैनी भूमि गाटा संख्या 835 पर लगभग 20 वर्ष पुरानी बांस कोठी लगी है। इसी गांव निवासी सुलेमान की भूमि भी राजकुमार के खेत के बगल में है। सुलेमान ने दबंगई के बल पर चोरी छिपे राजकुमार के खेत में लगे लगभग सात सौ बांस बेंचकर कटान चालू करा दी। जब राजकुमार को इसकी जानकारी हुई तो सुलेमान व उसका पुत्र मन्नू व भाई उसमान ने राजकुमार को मारा पीटा और जान से मार देने की धमकी भी दी। जिसकी सूचना पीड़ित ने डायल 100 पर दी मौके पर पहुंची पुलिस ने बांस कटान का काम रूकवा कर वापस चली गयी जिसके तुरन्त बाद सुलेमान ने फिर बांसों की कटान चालू करा दी। जिसकी लिखित शिकायत लेकर पीड़ित मलिहाबाद कोतवाली गया तो वहां पर बैठे कोतवाल ने पीड़ित से काम रूकवाने के लिए बीस हजार रूपये की रिश्वत मांगी और जब पीड़ित राजकुमार ने पैसे देने में असमर्थता जतायी तो उसे थाने से भगा दिया गया। पुलिस के इस रवैये से दबंगों के हौसले बुलन्द है जो पीड़ित को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। पीड़ित ने इसकी शिकायत एसडीएम मलिहाबाद को पहले भी दे चुका है। पुलिस द्वारा इंसाफ न मिल पाने से दुखी राजकुमार ने कोतवाल के विरूद्व मुख्यमंत्री व एसएसपी से न्याय की गुहार लगायी है।
कोतवाल पर पहले भी लग चुके हैं कई गंभीर आरोप
आरोप-1 अभी हाल में ही मलिहाबाद कोतवाल टीपी सिंह थाने में अपनी हाॅट सीट पर बैठकर मसाज करवाने के मामले में चर्चित रह चुके हैं जिसमें उनकी बहुत किरकिरी हुई थी।
आरोप-2 घुसौली गांव निवासी नन्दकुमार गौतम के 8 वर्षीय पुत्र को गांव के बाहर बकरी चराते समय गांव के ही चार युवकों ने कुकर्म किया था जिसका इलाज बलरामपुर अस्पताल में चला था। पीड़ित के पिता की तहरीर पर पुलिस ने एससी/एसटी एक्ट व कुकर्म करने का मुकदमा पंजीकृत तो कर अपना पल्ला झाड़ लिया था। नन्दकुमार ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कोतवाल से गुहार लगायी तो कोतवाल ने कुकर्म पीड़ित के पिता से भी 20 हजार रिश्वत मांगी थी जिसकी शिकायत नन्दकुमार ने एएसपी व मुख्यमंत्री की थी।
आरोप-3 बेलवार खेड़ा रूसेना गांव निवासिनी उपासना के परिवार को गांव के ही दबंगों द्वारा बाग में रखी चारपाई व तिरपाल चुरा लेने की बात को लेकर मारापीटा गया था और पुलिस ने उल्टे ही उपासना के पिता को लाकअप में बंद कर दिया और उपासना व उसकी भाभी को डाक्टरी परीक्षण के लिए स्थानीय सीएचसी भेजा गया। रात्रि लगभग 11 बजे जब डाक्टरी परीक्षण के दोनों महिलाएं थाने आयीं और पुलिस से ज्यादा रात होने के कारण उन्हें घर छोड़नें की बात कही तो कोतवाल ने महिलाओं को गंदी गंदी गांलियां देते हुए थाने से भगाया और कहा कि अगर अकेले घर जाओगी तो इज्जत लुटने से ज्यादा कुछ नहीं होगा। कोतवाल की इस करतूत की शिकायत पीड़ित महिला ने एसएसपी से की थी।