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रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा: तो इस वजह से भूख लगने पर क्यों आता है गुस्सा

आपने देखा होगा कि जब इंसान को भूख लगती है तो वह गुस्से से तमतमा जाता है. जब उसे लंबे समय तक खाना नहीं मिलता है तो उसका चेहरा गुस्से से लाल हो जाता है. इसके पीछे आप कहेंगे कि लोगों में धैर्य नहीं है. इसलिए वे जल्दी खाना न मिलने गुस्से में आ जाते हैं. पर क्या कभी आपने सोचा है की भूख के वक्त पर ज्यादा गुस्सा क्यों आता है? तो हम आपको बताते हैं इसका कारण. दरअसल, भूख लगने पर गुस्सा आने के पीछे साइंस भी है और रिसर्च में वैज्ञानिकों ने दूसरे कारण भी खोज निकाले हैं.
रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा: तो इस वजह से भूख लगने पर क्यों आता है गुस्साभूख लगने पर गुस्सा आने के पीछे साइंस कहता है कि जब हमारे शरीर में चीनी की मात्रा कम होती है, तो कॉर्टिसोल और एड्रीनेलिन जैसे हॉरमोन की मात्रा बढ़ जाती है. इन हॉरमोन का हमारे दिमाग पर बहुत असर होता है. इसकी वजह ये होती है कि हमारे जहन की तंत्रिकाओं से निकलने वाले केमिकल न्यूरोपेप्टाइड्स इन केमिकल की मात्रा को हमारे दिमाग में नियंत्रित करते हैं.

वहीं एक हकीकत ये भी है कि महिलाओं के मुकाबले पुरुषों को भूख लगने पर ज्यादा गुस्सा आता है. क्योंकि उनके दिमाग में न्यूरोपेप्टाइड का असर महसूस करने के लिए वाले रिसेप्टर महिलाओं की तुलना में ज्यादा होते हैं. इन पर ओस्ट्रेजन जैसे हारमोन का भी असर होता है क्योंकि टेस्टोस्टेरॉन का इससे ताल्लुक पाया गया है. जबकि महिलाओं को ज्यादा इमोशनल माना जाता है. यही वजह है कि भूख लगने पर गुस्सा आने को महिलाओं से जोड़ दिया गया है.

वहीं अगर साइंस से इतर अगर वैज्ञानिक नजरिए से देखें तो उन्होंने पाया है कि ऐसा जीवविज्ञान की परस्पर क्रिया, व्यक्तित्व और आसपास के माहौल की वजह से होता है.

अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ केरोलाइना की एक डॉक्टरल छात्रा जेनीफर मैकोर्माक ने बताया, हम सभी जानते हैं कि भूखा महसूस करने से कभी- कभी हमारी भावनाएं और दुनिया को लेकर हमारे विचार भी प्रभावित होते हैं. हाल ही में ‘हैंगरी’ शब्द ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी ने जोड़ा है. जिसका मतलब होता है कि भूख की वजह से गुस्सा आना.

‘इमोशन जर्नल’ में प्रकाशित अध्ययन की मुख्य लेखक मैकोर्माक ने बताया, हमारे अनुसंधान का उद्देश्य भूख से जुड़ी हुई भावनात्मक स्थितियों का मनोवैज्ञानिक तरीके से अध्ययन करना है. जैसे कि कोई कैसे भूखा होने के साथ ही गुस्सा भी हो जाता है.

मैकोर्माक ने 400 से ज्यादा लोगों पर किए गए अनुसंधान में पाया कि सिर्फ माहौल ही इस बात पर असर नहीं डालता है कि क्यों कोई भूखे होने से गुस्सा हो जाएगा. यह लोगों के भावनात्मक जागरुकता के स्तर से भी तय होता है. वे लोग जो इस बात के प्रति अधिक जागरूक होते हैं कि उन्हें भूख लगी है या नहीं, ऐसे लोगों में गुस्सा होने की संभावना कम होती है.

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