अद्धयात्म
रुद्राक्ष के बारे में ये 10 बातें जरूर जानना चाहेंगे आप
रुद्राक्ष के बारे में जानें ये 10 बातें, सभी भ्रांतियां होंगी दूर
हिंदू धर्म में रुद्राक्ष काफी अहमियत रखता है। मान्यताएं हैं कि शिव के नेत्रों से रुद्राक्ष का उद्भव हुआ और यह हमारी हर तरह की समस्या को हरने की क्षमता रखता है। रुद्राक्ष, दो शब्दों रुद्र और अक्ष से मिलकर बना है। कहते हैं कि रुद्राक्ष सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखता है, इसे धारण करने मात्र से ही तमाम समस्याओं का समाधान हो जाता है। साथ ही रुद्राक्ष को लेकर समाज में कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई हैं। आइए रुद्राक्ष के बारे में जाने 10 जरूरी बातें…
इन पुराणों में है रुद्राक्ष का जिक्र
ज्योतिषियों के अनुसार, रुद्राक्ष की विशेषताओं और महिमा का बखान शास्त्रों में भी खूब किया गया है। रुद्राक्ष का जिक्र शिवपुराण, लिंगपुराण, एवं सकन्द्पुराण आदि में प्रमुखता से किया गया है। शिवपुराण की विघेश्र्वर संहिता में रुद्राक्ष 14 प्रकार के बताए गए हैं।
कहां से आता है रुद्राक्ष?
रुद्राक्ष के पेड़ दरअसल भारत, नेपाल, इंडोनेशिया, बर्मा आदि के पहाड़ी क्षेत्रों में आसानी से पाए जा सकते हैं। इसकी पत्तियां हरी होती हैं और फल भूरे रंग और खट्टे स्वाद वाले होते हैं। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष शिव के नेत्रों से पैदा हुआ फलदायिनी वृक्ष है, जो कई मायनों में लाभदायक सिद्ध होता है। रुद्राक्ष हर किसी की मनोकामना पूरी कर सकता है।
रुद्राक्ष कब करें धारण?
रुद्राक्ष धारण करने के पहले उसे शिव जी को समर्पित करना चाहिए। रुद्राक्ष को आप सावन के दिनों में, सोमवार, सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण, संक्रांति, अमावस्या, पूर्णिमा और महाशिवरात्रि को धारण करना बहुत शुभ माना जाता है।
रुद्राक्ष धारण करने के बाद यह न करें
रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को मांसाहारी भोजन, लहसुन, प्याज तथा नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए, इसके अलावा लहसुन और प्याज के सेवन से भी बचना चाहिए। कुल मिलाकर उसे पूरी तरह सात्विक रहना चाहिए और आचरण शुद्ध रहना चाहिए। जो ऐसा नहीं करता रुद्राक्ष उसे लाभ नहीं देता।
रुद्राक्ष के क्या हैं फायदे?
कहते हैं कि रुद्राक्ष की माला पहनने से शारीरिक-मानसिक मजबूती, घर-परिवार में सुख-शांति रहती है। मान्यता के अनुसार रुद्राक्ष धारण करने से स्वास्थ्य से लेकर करियर तक में सकारात्मक परिणाम मिलते हैं। कुंडली में शनि के अशुभ प्रभाव, स्वास्थ्य की समस्या, रोजगार की समस्या, घर की समस्या आदि चीजें से फायदा मिलता है।
रुद्राक्ष के बारे में यह भी कहते हैं
बताया जाता है आंवले के सामान दिखने वाले रुद्राक्ष को उत्तम माना गया है। बेर जैसा छोटा दिखने वाला रुद्राक्ष सुख और सौभाग्य प्रदान करता है। रुद्राक्ष की माला से मंत्र जाप करने से मंत्र का असर कई गुना बढ़ जाता है। रुद्राक्ष इस धरती पर अकेली ऐसी वस्तु है जिसको मंत्र जाप और ग्रहों को नियंत्रित करने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है।
इस तरह होती है असली रुद्राक्ष की पहचान
रुद्राक्ष की पहचान करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि जो रुद्राक्ष पानी में डूब जाए, वही असली होता है। धन प्राप्ति के लिए 62 दानों की माला का प्रयोग करें और संपूर्ण मनोकामना पूर्ति के लिए 108 दानों की माला का प्रयोग करें। रुद्राक्ष को सोने या चांदी के आभूषण में ही धारण करें, लेकिन अगर किसी कारणवश यह उपलब्ध नहीं है तो आपको ऊनी या रेशमी धागे की सहायता से रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
इस तरह लें रुद्राक्ष से पूरा लाभ
रुद्राक्ष धारण कर लेने भर से यदि आप लाभ की कल्पना कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं। रुद्राक्ष के लिए कुछ नियम-कायदे भी प्रचलित हैं। रुद्राक्ष धारण करने वाले को नित नहाने के बाद और रात में सोने से पहले मंत्रोच्चार करना चाहिए। अंतिम संस्कार में या जहां बच्चे का जन्म हुआ हो, वहां रुद्राक्ष धारण करके नहीं रहना चाहिए।
रुद्राक्ष की माला है श्रेष्ठ
मान्यताओँ के मुताबिक रुद्राक्ष की माला में (108+1, 54+1, 27+1) रुद्राक्ष रहते हैं। +1 को सुमेरू माना जाता है, जिसे जाप करते वक्त लांघा नहीं जाता। माला पहनने व जाप करने के लिए करीब रखी जाती है। रुद्राक्ष में वो शक्ति है जो अपने धारक को हर तरह की परेशानी से लड़ने की क्षमता देता है और उनको दूर करता है।
एक-मुखी से लेकर 14 मुखी के रुद्राक्ष
रुद्राक्ष सामान्य तौर पर पांचमुखी पाए जाते हैं, लेकिन एक से चैदहमुखी रुद्राक्ष का उल्लेख पुराणों आदि में मिलता है। मान्यता के मुताबिक रुद्राक्ष के मुख की पहचान के कई तरीके हैं। जिनमें से एक रुद्राक्ष को बीच से दो टुकड़ों में काटकर की जाती है। मान्यता है कि एकमुखी रुद्राक्ष भगवान शिव का स्वरूप है। कहते हैं इसे धारण करने से धन की प्राप्ति, मोक्ष आदि की प्राप्ति होती है। यह अशुभ फलों से मुक्ति भी दिलाता है।