जीवनशैली

रूप-चौदस आज, महिलाओं से लेकर पुरुषों तक में बढ़ रही है युवा रहने की चाहत

दस्तक टाइम्स/एजेंसी- 1_1447134233आज रूप चौदस है। इसे नरक चौदस भी कहते हैं। प्राचीन काल से इस दिन हल्दी, बेसन और आटा मिला कर उबटन बनाया जाता था, जिसे महिला-पुरुष दोनों स्नान से पहले अपने शरीर पर लगाते थे। दूध में इत्र और गुलाब के फूलों की पंखुड़ियां डालकर नहाया जाता था। मगर अब समय बदल गया है और लोग ब्यूटी पार्लरों में जाकर नई-नई तकनीक से स्किन ब्राइटनिंग करवाते हैं। समय इतना बदल रहा है कि अब सदा युवा बने रहने के तमाम रास्ते अपनाए जा रहे हैं।
रूप चौदस पांच दिन दीवाली पर्व के दूसरे दिन आने वाला त्यौहार है। इसे इसलिए मनाया जाता है, क्योंकि दीवाली पर घरों में पुताई और साफ-सफाई होती है। काम करते-करते काया भी धूमिल पड़ जाती है। इसलिए रूप चौदस पर लोग शारीरिक सुंदरता को निखारने का काम करते हैं, ताकि दीवाली वाले दिन वे दमकते हुए मां लक्ष्मी की पूजा करें। यह बात तो केवल एक दिन की हो रही है, मगर अब लंबे समय तक युवा बने रहने के लिए पूरे साल महिला व पुरुष मेहनत करते हैं। एक डाइट प्लान तैयार कर उसके मुताबिक लाइफस्टाइल अपनाते हैं, जिससे उनकी जिन्दगी का हर दिन रूप चौदस बन जाए।
 
फल और हरी सब्जियों का उपयोग
जवां बने रहने के लिए हरी सब्जियों और फलों का इस्तेमाल किया जाता है। एक डाइट प्लान के मुताबिक भोजन में कार्बोहाइड्रेट 40-50%, प्रोटीन 30% एवं फैट 20-30 प्रतिशत एंटी एंजिंग पैकेज कहलाता है, जिसका पालन ज्यादातर लोग लंबे समय तक युवा बने रहने के लिए कर रहे हैं।
 
Other ways: तनाव से बचने के लिए मेडिटेशन, हार्मोन ट्रीटमेंट भी करवा रहे, युवा बने रहने सर्जरी करवाना, ब्यूटी प्रोडक्ट्स का बड़ा व्यापार

 

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