रूस के साथ एक और मिसाइल सौदा, 1500 करोड़ रुपये का करार
नई दिल्ली : रूस के साथ एस-400 मिसाइल सौदे पर अमेरिका ने खूब आपत्ति जताई थी, लेकिन भारत ने अमेरिका की आपत्तियों पर कोई ध्यान न देते हुए रूस के साथ एक और मिसाइल सौदा किया है। भारत ने हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल आर-27 की खरीद के लिए 1500 करोड़ रुपये का करार किया है। इन मिसाइलों को सुखोई 30 लड़ाकू विमानों में इस्तेमाल किया जाएगा। ‘रूस के साथ हवा से हवा में मार करने वाली आर-27 मिसाइलों की खरीद का करार किया गया है, इन मिसाइलों को भारतीय वायुसेना के सुखोई 30 विमानों में इस्तेमाल किया जाएगा।’ लंबी मारक क्षमता की ये मिसाइल सुखोई विमानों को दुश्मन विमानों पर दूर से निशाना लगाने की क्षमता प्रदान करेगा। आर-27 मिसाइल मध्यम से लंबी मारक क्षमता की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। रूस इस मिसाइल को अपने मिग और सुखोई लड़ाकू विमानों में इस्तेमाल करता है। गौरतलब है कि, हाल ही में कारगिल विजय दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हम राष्ट्र की सुरक्षा के मसले पर किसी तरह के अभाव, प्रभाव और दबाव की स्थिति में आने वाले नहीं हैं। यह करार सरकार ने 10-आई प्रोजेक्ट के तहत लिया है। इस प्रोजेक्ट में तय किया गया है कि एक विशिष्ट न्यूनतम अवधि के लिए तीनों सेनाओं के पास जरूरी हथियार व्यवस्था और अतिरिक्त साजोसामान उपलब्ध रहे। रक्षा मंत्रालय द्वारा अनुमोदित आपातकालीन आवश्यकताओं के तहत को हासिल हथियार खरीदने के लिए वायुसेना मे पिछले 50 दिनों में 7600 करोड़ रुपये से ज्यादा के करार किए हैं। बता दें कि पुलवामा हमले के बाद केंद्र सरकार ने आपातकालीन प्रावधानों के तहत तीनों सेना प्रमुखों को यह ताकत दी थी कि वे तीन महीने में आपूर्ति की शर्त के साथ 300 करोड़ रुपये तक का करार कर सकते हैं।
रूस के साथ रक्षा उत्पादों के करार का अमेरिका शुरू से ही विरोध करता रहा है। रूस के साथ एस-400 मिसाइल सौदा करने पर अमेरिका ने भारत को चेतावनी भी दी थी कि ऐसा करने पर उसे अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। अमेरिका यह भी कह चुका है कि वह भारत की सभी रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार है लेकिन, रूसी एस-400 मिसाइल सौदा इसमें बाधा बन रहा है। भारत और अमेरिका, दोनों एक दूसरे का रणनीतिक साझेदार होने का दावा करते हैं, लेकिन पिछले दो दशकों से दोनों देशों के विवाद कई गुना बढ़ गए हैं, जिसमें रूस से 40 हजार करोड़ रुपये का एस-400 मिसाइल प्रणाली खरीदने और ईरान से तेल खरीदने का मामला शामिल है। अपने पड़ोसी मुल्कों पाकिस्तान और चीन से बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए भारत रूस से एंटी टैंक मिसाइल ‘स्ट्रम अटाका’ का सौदा भी कर चुका है। इसके लिए दोनों देशों के बीच 200 करोड़ रुपये में करार हुआ है। इन मिसाइलों को एमआई-35 हेलीकॉप्टरों में लगाया जाएगा।