रूस ने यूक्रेन तीन जहाज किये जब्त, नाटो सहित कई देशों ने जताया विरोध
रूस ने क्रीमियाई प्रायद्वीप के पास यूक्रेन के तीन नौसैनिक जहाज़ों पर हमला करके उन्हें अपने क़ब्ज़े में ले लिया है। यूक्रेन की संसद को यह तय करना है कि रूस द्वारा नौसैनिक जहाज़ों पर हमला कर उन्हें कब्ज़ा करने की घटना के बाद मार्शल लॉ को विरोध के रूप में लाएगा या नहीं। राजधानी कीव में रूसी दूतावास के बाहर कई प्रदर्शनकारी एक साथ दिखे, जिन्होंने दूतावास की कार में आग लगा दी है। इस घटना से रूस और यूक्रेन के बीच तनाव और बढ़ गया है। इसके लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद एक इमरजेंसी मीटिंग करेगा। दोनों देश इन हालातों के लिए एक-दूसरे को ज़िम्मेदार बता रहे हैं। यह विवाद तब उठा जब रूस ने आरोप लगाया कि यूक्रेन के जहाज़ आज़ोव सागर में ग़ैरक़ानूनी ढंग से उसकी जल सीमा में घुस आए हैं। इसके बाद रूस ने कर्च में तंग जलमार्ग पर एक पुल के नीचे टैंकर तैनात करके आज़ोव सागर की ओर जाने वाला रास्ता बंद कर दिया। अज़ोव सागर ज़मीन से घिरा हुआ है और काला सागर से कर्च के तंग रास्ते से होकर ही इसमें प्रवेश किया जा सकता है।
कीव: रूस ने यूक्रेन के तीन नौसैनिक जहाज़ों पर हमला करके उन्हें अपने क़ब्ज़े में ले लिया है। ये घटना क्रीमियाई प्रायद्वीप के पास की है। रूस की तरफ से फायरिंग की गई जिसमें यूक्रेन के कई नाविक घायल हो गए। इस घटना से रूस और यूक्रेन के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। रूस का कहना है कि यूक्रेन के तीन नौसैनिक जहाज़ गैरकानूनी तरीके उसकी जल सीमा में से घुस आए थे। दोनों देश इन हालात के लिए एक-दूसरे को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं। आज़ोव सागर की जलीय सीमाएं रूस और यूक्रेन में बंटी हुई हैं। यूक्रेन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि रूस के विशेष बलों ने बंदूक़ों से लैस दो नावों और नौकाओं को खींचने वाले एक जहाज़ का पीछा किया और फिर उन्हें अपने क़ब्ज़े में ले लिया। बयान में कहा गया है कि इस घटना में क्रू के छह सदस्य ज़ख्मी हुए हैं। इसके बाद लगभग रूसी दूतावास के बाहर 150 प्रदर्शकारी इकट्ठा हुए। कुछ ने दूतावास की एक कार को आग लगा दी। ऑलेक्सी रेबॉव ने बताया, “आज रूस द्वारा हमारे सैनिकों पर हमले से हम यहां रूस के खिलाफ विरोध करने के लिए इकट्ठा हुए हैं।” “हम बहुत गुस्से में हैं। हमें बहुत पहले ही इस देश के साथ सभी तरह के राजनयिक संबंधों को तोड़ देना चाहिए था।” क्रीमियाई प्रायद्वीप काला सागर और आज़ोव सागर (Azov sea) को एक दूसरे से अलग करता है। साल 2014 तक यूक्रेन और रूस दोनों को इस हिस्से का इस्तेमाल करने का हक़ था, लेकिन पिछले चार से इस इलाके पर रूसी सेना का कब्जा है। यूक्रेन के जहाज आज़ोव सागर में स्थित मैरीयूपॉल शहर जाते हैं। इस शहर पर कब्जा करने वालों को रूस का समर्थन हासिल है। यहां साल 2014 से लेकर अब तक करीब 10 हज़ार लोग मारे गए हैं। लेकिन रूस ने एक पुल के नीचे टैंकर तैनात करके आज़ोव सागर की ओर जाने वाला रास्ता बंद कर दिया है। ट्विटर पर पोस्ट किए गए वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि क्रीमियाई प्रायद्वीप के पास बने पुल के नजदीक कई रूसी जहाज इलाके पर नजर रखने के लिए उड़ान भर रहे हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने जानकारी दी है कि इस संबंध में ‘वॉर कैबिनेट’ की ज़रूरी बैठक बुलाई गई है। इस घटना के बाद यूक्रेन में मार्शल लॉ लगाने की तैयारी की जा रही है। यूक्रेन के सांसद आज मार्शल लॉ लगाने के एलान पर पर वोटिंग करेंगे। रूस ने ट्विटर पर जानकारी दी है कि 26 नवंबर को 11 बजे न्यूयॉर्क में रूसी सीमा में यूक्रेन के नौसैनिक जहाजों के प्रवेश पर ‘अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा का रखरखाव’ के तहत सुरक्षा परिषद की इमरजेंसी मीटिंग की। इससे पहले रूस ने यूक्रेन पर ग़ैरकानूनी तरीके से रूसी जल सीमा में प्रवेश करने का आरोप लगाया था। अब यूक्रेन की नौसेना का कहना है कि रूस ने निकोपोल और बर्डियांस्क नाम की गनबोटों पर हमला करके उन्हें नकारा बना दिया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेंको ने देश की नेशनल सिक्यॉरिटी एंड डिफ़ेंस काउंसिल की मीटिंग में रूस के कार्रवाई को ‘सनक’ भरा क़दम बताया है। इससे पहले रूस ने यूक्रेन के जलपोतों की निगरानी के लिए दो लड़ाकू विमान और दो हेलिकॉप्टर लगाए हुए थे। 2014 में रूस द्वारा क़ब्ज़ाए गए क्रीमियाई प्रायद्वीप के साथ लगते समुद्री इलाक़े में हाल के महीने में तनाव अचानक बढ़ा है। इस बीच यूरोपीय संघ ने रूस से कहा है कि “यूक्रेन को कर्च से आज़ोव सागर में अपने हिस्से में जाने से न रोका जाए।” इस बीच यूरोपीय संघ ने रूस से कहा है कि “यूक्रेन को कर्च से आज़ोव सागर में अपने हिस्से में जाने से न रोका जाए।” नैटो ने भी इस मामले में यूक्रेन का समर्थन किया है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने यूक्रेन के तीन नौसैनिक पोतों को जब्त कर लेने की रूस के पुष्टि करने के बाद एक आपात बैठक बुलाई है। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने ये जानकारी दी।