रूस, यूएस के बाद भारत के पास भी होगा यह अचूक ‘ब्रह्मास्त्र’ कलिब्र
नई दिल्ली :भारत रूस से 300 किमी की मारक क्षमता वाली कैलिबर क्रूज मिसाइल खरीदने की योजना बना रहा है। रूसी समाचार पत्र इज्वेस्तिया में छपी खबर के मुताबिक रूस के राष्ट्रपति व्लदीमिर पूतिन की भारत की आगामी यात्रा के दौरान भारत को ’कैलिबर’ मिसाइलों की आपूर्ति करने के सवाल पर विचार-विमर्श किया जाएगा। समाचारपत्र ने रूसी राजनयिक सूत्रों के हवाले से यह जानकारी छापी है। विशेषज्ञों का भी मानना है कि अगर भारत कैलिबर जैसी मिसाइलें अपने सैन्य बेडे में शामिल करता है तो भारतीय सेना की युद्ध-क्षमता बहुत बढ़ जाएगी। रूस अपनी समुद्री सीमा की सुरक्षा इन्हीं मिसाइलों से करता है।
कैलिबर क्रूज मिसाइल तीन श्रेणी में बनी है कम, मध्यम और ज्यादा दूरी की। इसका इस्तेमाल रूसी सेना ने हाल ही में सीरिया और इराक में आईएस के खिलाफ किया है। भारत ने इसके मध्यम रेंज यानी 300 किमी की मारक क्षमता वाली मिसाइल खरीदने की योजना बनाई है। कैलिबर मिसाइल अमेरिकी मिसाइल टॉमहॉक के लेवल की है। यह मिसाइल 500किलो वजनी विस्फोटक को ले जाने में सक्षम है। दो मीटर की सटीकता के साथ मार कर सकती है।
– कैलिबर क्रूज मिसाइल तीन श्रेणी में बनी है कम, मध्यम और ज्यादा दूरी की।
– भारत इसके मध्यम रेंज 300 किमी वाली मिसाइल खरीद सकता है।
– इस मिसाइल की ऊंचाई 6.2 मीटर यानी 20 फीट है।
– यह मिसाइल 500 किलोग्राम वजनी विस्फोटक ले जाने में सक्षम है।
– इस मिसाइल को समुद्री जहाज और विमान से भी लांच की जा सकती है।
– इसका इस्तेमाल एंटी-शिप और एंटी-सबमरीन मिसाइल के रूप में भी किया जाता है।
– इसका निशाना अचूक है, यह अपने टार्गेट के 2 मीटर की परिधि पर सटीक मार कर सकती है।
– यह एक एंटी एअरक्राफ्ट मिसाइल है, यह दुश्मनों के लडा़कू विमानों को मार गिराने में भी सक्षम है।
– भारतीय सेना के पास कैलिबर मिसाइल पहले से ही हैं, लेकिन वे एंटी-सबमरीन मिसाइल है।
– यह मिसाइल सबसोनिक और सुपरसोनिक दोनों स्पीड पर दुश्मन को बर्बाद कर सकती है।
– सबसोनिक मिसाइलें वे होती हैं जो ध्वनि के गति (1 मैक)2.9 किमी से कम गति पर उड़ती हैं।
– सुपरसोनिक मिसाइलें वे होती हैं जो ध्वनि के गति 2.9 किमी से लेकर 5 गुना की गति तक उड़ती हैं।
– वैसे भारत अपनी मध्यम दूरी तक मार करने वाला अपना स्वदेशी मिसाइल ’निर्भय’ बना रहा है।
– इस साल भारत ने इस मिसाइल का सफल परीक्षण भी कर लिया है
– लेकिन इसे सेना को सौंपे जाने में अभी काफी लम्बा वक्त लगेगा।
– इस साल के अन्त तक व्लदीमिर पूतिन दो बार भारत जाने वाले हैं।
– अक्तूबर में रूस के राष्ट्रपति ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए गोवा आएंगे।
– साल के अंत में रूस भारत शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए वे नई दिल्ली आएंगे।
क्या होती है क्रूज मिसाइल…
– मुख्य रूप से मिसाइल दो प्रकार के होते हैं: क्रूज मिसाइल और बैलेस्टिक मिसाइल।
– एक क्रूज मिसाइल मानव-रहित, सेल्फ प्रोपेल्ड यानी स्वचालित गाइडेड वेहिकल है।
– क्रूज मिसाइल को मुख्यत अपने लक्ष्य पर सटीकता से दागने के लिए किया जाता है।
– मिसाइल जेट इंजन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए पृथ्वी के वायुमंडल के दायरे में उड़ान भरता है।
– आकार, स्पीड, रेंज और सतह, वायु, समुद्र, पनडुब्बी में से लांच किया जा सकता है।
सबसोनिक क्रूज मिसाइल :इसकी रफ्तार ध्वनि की रफ्तार से कम होती है। इसकी स्पीड तकरीबन 0.8 मैक है। इस श्रेणी में सबसे लोकप्रिय मिसाइल अमेरिकी टॉमहॉक क्रूज मिसाइल है। इसके अलावा, अमेरिका के हारपून और फ्रांस के एक्सोसेट और रूस की कैलिबर क्रूज मिसाइल है।
सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल : यह मिसाइल 2 से 5 मैक की स्पीड से भागती है। यानी इसकी गति प्रत्येक एक सेकेंड में एक किलोमीटर। मिसाइल वॉरशिप, सबमरिन, एयरक्राफ्ट और लॉन्चर से लांच की जा सकती है।‘बह्मोस’ को सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल सिस्टम का एकमात्र उदाहरण माना जाता है।
हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल :यह मिसाइल 5 मैक से ज्यादा की रफ्तार से अपने लक्ष्य पर पहुंचने में सक्षम है। फिलहाल अनेक देश इस श्रेणी के मिसाइल को विकसित करने में जुटे हुए हैं। ब्रह्मोस एयरोस्पेस भी हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल को विकसित करने की प्रक्रिया में जुटा हुआ है।. इसे ब्रह्मोस-2 नाम दिया गया है, जो पांच मैक से ज्यादा की स्पीड से उड़ान भरने में सक्षम है।
बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइल के बीच क्या है अंतर…
बैलिस्टिक मिसाइल-
– आकार काफी बड़ा होता है और वो भारी वजन ले जाने में सक्षम होते हैं।
– बैलिस्टिक मिसाइल अपना इंधन लेकर चलते हैं और उसमें इस्तेमाल होनेवाला ऑक्सीजन भी उनके साथ ही होता है।
– बैलिस्टिक मिसाइल छोड़े जाने के बाद पहले आसामान में जाती है फिर जमीन पर गिरती है।
– बैलिस्टिक मिसाइल गाइडिड और अनगाइडिड दोनों हो सकती है।
– मिसाइल 200 से लेकर 20000 किमी तक मार कर सकती है।
– 20 हजार कर मार करने वाली मिसाइल अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल कहलाती है।
– बैलिस्टिक मिसाइल 13 फीट से 65 फीट तक हो सकती है।
– बैलिस्टिक मिसाइल 350 किलो से 35 हजार किलो विस्फोटक ले जा सकती है।
– बैलिस्टिक मिसाइल को जमीन से ही दागा जा सकता है।
क्रूज मिसाइल-
– काफी छोटे होते हैं और उनपर ले जानेवाले बम का वजन भी ज्यादा नहीं होता।
– अपने आकार के कारण उन्हें छोड़े जाने से पहले बहुत आसानी से छुपाया जा सकता है।
– क्रूज मिसाइल अपना इंधन लेकर चलते हैं लेकिन ऑक्सीजन वो हवा से लेते हैं।
– क्रूज मिसाइल पृथ्वी की सतह के समांनांतर चलते हैं और उनका निशाना बिल्कुल सटीक होता है।
– बैलिस्टिक मिसाइल गाइडिड मिसाइल होती है।
– मिसाइल 200 से लेकर 2000 किमी तक मार कर सकती है।
– मिसाइल 150 से लेकर 1500 किलो तक विस्फोटक ले जा सकती है।
– क्रूज मिसाइल की ऊंचाई अधिकतम 20 फीट तक हो सकती है।
– क्रूज मिसाइल को जमीन, हवा, समुद्र और पनडुब्बी से दागा जा सकता है।
– क्रूज मिसाइल तीन श्रेणी में बनी है सबसोनिक, सुपरसोनिक और हाइपरसोनिक।