व्यापार
रेलवे अपनी 162 साल पुरानी ये व्यवस्था कर रहा है बंद!


अभी तक एसएमएस केवल ई-टिकट ऑनलाइन खरीदे जाने पर ही आता है। रेलवे यह कवायद अपने मंत्रालय को पूरी तरह पेपरलैस करने की योजना के तहत कर रहा है।
अधिकारियों के अनुसार रेल मंत्रालय का वित्त विभाग इस मामले को आगे बढ़ा रहा है। यदि नई व्यवस्था अमल में लाई गई तो रेलवे की १६२ साल पुरानी व्यवस्था इतिहास में दर्ज होकर रह जाएगी। योजना चरणबद्ध तरीके से सभी प्रिन्टरों को खत्म करने की भी है। यहां तक कि रेलवे कोच पर लगाए जाने वाले आरक्षण चार्ट भी धीरे-धीरे लगाने खत्म कर दिए जाएंगे।
यदि किसी यात्री के पास मोबाइल फोन न हो तो वह क्या करेगा, इस सवाल पर रेल अधिकारी कहते हैं कि उसके अनुरोध पर प्रिन्टेड टिकट जारी किया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि एक सर्वे में पता चला है कि ई-टिकट लेने वाले बहुत कम लोग ही टिकट का प्रिन्टआउट लेकर चलते हैं। यदि किसी का मोबाइल खो गया तो सबूत दिखाने पर उसे डुप्लीकेट टिकट जारी कर दिया जाएगा।
रेल अधिकारियों को विश्वास है कि टिकट और चार्ट का प्रिन्टआउट न निकालने से १,२०० टन कागज की बचत होगी। रोज ११ लाख टिकट बिकते हैं। इसमें से छह लाख कागज के टिकट होते हैं।