
रेलवे के पुराने अनुबन्ध पर 18 प्रतिशत जीएसटी का किया विरोध
लखनऊ। इंडियन रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (आई.आर.आई.पी.ए.) ने पुराने अनुबंध पर 18 प्रतिशत जी.एस.टी. लागू करने का विरोध किया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष इन्द्रदेव मिश्रा ने प्रेसवार्ता में बताया कि देश में जी.एस.टी. लागू होने की वजह से पुराने चल रहे कामों पर 18 प्रतिशत का अतिरिक्त बोझ पड़ गया है जो कि न्यायसंगत नहीं है। संगठन के हर्षवर्धन सिंह ने बताया कि पुराने अनुबन्ध पर कर की दर 4 प्रतिशत थी। इसके बाद जी.एस.टी. लागू हाने से पुराने अनुबन्ध पर भी 18 प्रतिशत टैक्स दर लागू हो गया है, इससे ठेकेदारों का नुकसान होगा।
आई.आर.आई.पी.ए. की टीम केन्द्र सरकार के मंत्रियों व अधिकारियों से अपनी चिन्ता जता चुकी है, परन्तु कोई समाधान नहीं निकला। संगठन ने कई मंत्रियों और अधिकारियों को ज्ञापन दिया। परन्तु एक महीने बीतने के बावजूद कोई हल नहीं निकल पाया है। इसके विरोध में देश भर के ठेकेदारों ने एक साथ रेल की प्रगति में चल रहे कार्यों को बन्द कर दिया है।