बुधवार को एक बड़ी रेल दुर्घटना होने से बच गई। रेल लाइन पर देहरादून से दिल्ली जाने वाली जन शताब्दी ट्रेन रुड़की रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म तीन पर पहुंचने वाली थी कि इस दौरान रेलवे स्टेशन पर गश्त कर रही आरपीएफ की टीम ने रेलवे लाइन में आई एक इंच से अधिक दरार को देख लिया।
दरार देखते ही सामने से आ रही जन शताब्दी ट्रेन को रुकवाने के लिए तेजी से इंजन की ओर दौड़ पड़े। आरपीएफ के शोर मचाने के बाद ड्राइवर ने लाइन में आई दरार से कुछ दूरी पहले ही ट्रेन को रोक दिया। आनन-फानन में रेलवे के अधिकारियों को मामले से अवगत कराया गया।
करीब एक घंटे बाद जन शताब्दी को रवाना किया गया। इसके बाद करीब सात घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद रेलवे लाइन पर अन्य ट्रेनों का आवागमन बहाल हो सका। इस दौरान इस प्लेटफार्म पर आने वाली ट्रेनों को मेन लाइन से निकाला गया।
संकेतों को समझते हुए ड्राइवर को अनहोनी का अंदेशा हुआ
बुधवार सुबह सात बजे करीब आरपीएफ के जवान एसआई जगत सिंह चौहान, कांस्टेबल दिगम्बर सिंह, रविंद्र नेगी रेलवे प्लेटफार्म पर गश्त कर रहे थे। इस दौरान आरपीएफ के जवानों को प्लेट फार्म नंबर तीन पर स्टार्टर के पास रेल लाइन में करीब एक इंच चौड़ी दरार दिखाई दी।
उन्होंने इसकी जानकारी तुरंत रेलवे कंट्रोल को दी। इसी बीच देहरादून से दिल्ली जाने वाली जन शताब्दी ट्रेन सामने से आती हुई दिखाई दी। बड़े हादसे की आशंका को देखते हुए आरपीएफ के जवान ट्रेन को रुकवाने के लिए इंजन की तरफ दौड़ पड़े।
आरपीएफ के जवानों को अपनी और दौड़ते हुए देखकर और उनके संकेतों को समझते हुए ड्राइवर को खतरे का अंदेशा हुआ। उसने तभी इंजन की रफ्तार धीमी करनी शुरू कर दी। हालांकि जब तक ट्रेन दरार वाली जगह तक पहुंच चुकी थी। इस दौरान ट्रेन की रफ्तार काफी धीमी हो गई थी, इसलिए कोई हादसा नहीं हुआ। विभागीय अधिकारियों की मानें तो यदि गाड़ी अपनी पूरी रफ्तार पर होती तो दरार पड़ी पटरी से गुजरना जोखिम भरा था।
दो बजकर 25 मिनट पर रेल लाइन को ठीक कर दिया गया
घटना की जानकारी मिलने पर रेलवे इंजीनियरिंग दल मौके पर पहुंच गया और उसने पटरी की मरम्मत की। करीब एक घंटे बाद देहरादून से दिल्ली जाने वाली जन शताब्दी को उस पटरी पर से गुजारा गया। इसके बाद पटरी की पूरी तरह से मरम्मत की गई।
रेल पथ निरीक्षक पीके गुप्ता ने बताया कि करीब सात घंटे बाद दोपहर 2 बजकर 25 मिनट पर रेल लाइन को ठीक कर दिया गया था। मुरादाबाद रेल मंडल के महाप्रबंधक एसके सिंघल का कहना है कि रेलवे कर्मियों की सतर्कता के चलते यह हादसा टल गया। उन्होंने कहा कि ठंड के दिनों में इसलिए रेलवे पटरियों पर गश्त बढ़ा दी जाती है क्योंकि सिकुड़ने की वजह से पटरियों में कई बार दरार आ जाती है।
अन्य ट्रेनें भी रोकनी पड़ी
पटरी में दरार आने के बाद उसे ठीक करने में काफी समय लगा। इस दौरान हरिद्वार से दिल्ली आने वाली पैसेंजर ट्रेन दो घंटे तक ढंड़ेरा रेलवे स्टेशन पर खड़ी रही। लखनऊ से चंडीगढ़ जाने वाली सुपरफास्ट लंढौरा में एक घंटे तक खड़ी रही। देहरादून से उज्जैन जाने वाली उजैन एक्सप्रेस, हरिद्वार से पुरी जाने वाली उत्कल एक्सप्रेस, देहरादून से सहारनपुर जाने वाली सहारनपुर पैसेंजर ट्रेन व लखनऊ से चंडीगढ़ जाने वाली चंडीगढ़ एक्सप्रेस को रुड़की में मेन लाइन से निकाला गया।