रेलवे नहीं करेगा हादसे की जांच : चेयरमैन अश्विनी लोहानी
अमृतसर : भीषण रेल हादसे के बाद पंजाब कैबिनेट के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने आज सुबह गुरुनानक देव अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की, उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू पर विपक्ष लगातार हमलावर है कि हादसे से बाद भी वह मौके से रवाना हो गईं। गौरतलब है कि पंजाब के अमृतसर में दशहरे के मौके पर रावण दहन के दौरान ट्रेन की चपेट में आने से कम से कम 60 लोगों की मौत हो गई। अमृतसर के सिविल अस्पताल के सीएमओ ने हादसे में 60 लोगों की मौत और 51 के घायल होने की पुष्टि की है। हादसा जोड़ा रेल फाटक के पास उस वक्त हुआ जब पठानकोट से अमृतसर जा रही डेमू ट्रेन गुजर रही थी। मरने वालों में ज्यादातर लोग उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग हैं। मौके पर कम से कम 300 लोग मौजूद थे जो पटरियों के निकट एक मैदान में रावण दहन देख रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि रावण के पुतले को आग लगाने और पटाखे फूटने के बाद भीड़ में से कुछ लोग रेल की पटरियों की ओर बढ़ना शुरू हो गए जहां पहले से ही बड़ी संख्या में लोग खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे। उन्होंने बताया कि उसी वक्त दो विपरीत दिशाओं से एक साथ दो ट्रेनें आई और लोगों को बचने का बहुत कम समय मिला, उन्होंने बताया कि एक ट्रेन की चपेट में कई लोग आ गए। वहीं रेल बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने कहा कि रेलवे जांच नहीं कराएगा। हादसे के लिए रेल प्रशासन जिम्मेदार नहीं है, रावण दहन की कोई सूचना नहीं मिली थी। हादसे को लेकर रेलवे का कहना है कि पुतला दहन देखने के लिए लोगों का वहां पटरियों पर एकत्र होना ‘स्पष्ट रूप से अतिक्रमण का मामला’ था और इस कार्यक्रम के लिये रेलवे द्वारा कोई मंजूरी नहीं दी गई थी। अमृतसर प्रशासन पर इस हादसे की जिम्मेदारी डालते हुए आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि स्थानीय अधिकारियों को दशहरा कार्यक्रम की जानकारी थी और इसमें एक वरिष्ठ मंत्री की पत्नी ने भी शिरकत की।