दस्तक टाइम्स/एजेंसी-
नयी दिल्ली पेयजल की आपूर्ति में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में सीबीआई द्वारा चलाए गए तलाशी अभियान और 20 करोड रुपए नकद की बरामदगी के बाद रेलवे ने दो वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि देर रात ट्रेनों में बोतल या पैकेटों में बंद पेयजल आपूर्ति के मामले में कथित भ्रष्टाचार को लेकर दो अधिकारियों के खिलाफ निलंबन आदेश जारी किया गया.मामले में संलिप्त अधिकारियों में उत्तर रेलवे के तत्कालीन मुख्य वाणिज्य प्रबंधकों (पीएस और केटरिंग) एम. एस. चालिया और संदीप सिलास का नाम शामिल है. इस सिलसिले में उत्तर रेलवे के दोनों पूर्व अधिकारियों और सात कंपनियों के खिलाफ सीबीआई ने 13 जगहों पर तलाशी के दौरान 20 करोड रुपये बरामद किए. रेल नीर का उत्पादन और ट्रेनों में इसकी आपूर्ति आईआरसीटीसी करता है. आईआरसीटीसी ने नांगलोई, दानापुर, चेन्नई और अमेठी सहित कई जगहों पर रेल नीर संयंत्र स्थापित किए हैं.चेन्नई प्रतिदिन 15,000 पेटी, नांगलोई करीब 11,000 पेटी और दानापुर करीब 7,500 पेटी का उत्पादन करता है. एक पेटी में 12 बोतलें होती हैं. आईआरसीटीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘हमारा काम महज रेल नीर का उत्पादन करना और रेलवे को इसकी आपूर्ति करना है ,फिर रेलवे यह फैसला करता है कि इसे कहां भेजा जाएगाअधिकारी ने बताया कि अनुचित लाभ पाने के मकसद से निजी आपूर्तिकर्ताओं ने ‘रेल नीर’ के बजाय कथित तौर पर सस्ते बोतल ओैर पैकेटबंद पेयजल की आपूर्ति की, जो बाजार में प्रति बोतल करीब पांच रुपये 70 पैसे से लेकर सात रुपये की दर पर उपलब्ध हैं. इसके कारण सरकारी खजाने को नुकसान हुआ और उन्हें निजी तौर पर लाभ हुआ.