रेल बजट: हिमाचल पर इस बार तो कृपा करो ‘प्रभु’
दस्तक टाइम्स एजेंसी/हिमाचल की नजरें आज पेश होने वाले रेल बजट पर टिकीं हैं। प्रदेश की पांच रेल लाइनों के लिए बजट मिलने की उम्मीद है। जहां नंगल-तलवाड़ा, भानुपल्ली-बिलासपुर और चंडीगढ़-बद्दी रेल लाइनों के लिए केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु नए बजट का प्रावधान कर सकते हैं, वहीं सामरिक महत्व के प्रस्तावित रेल मार्ग मनाली-लेह पर भी कोई फैसला ले सकते हैं। शिमला-कालका रेल लाइन के लिए भी टॉय ट्रेनों की संख्या को बढ़ाया जा सकता है।
हाल ही में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु को पत्र भी भेजा है। इसमें उन्होंने मांग की है कि प्रदेश में प्रस्तावित और लंबित रेल परियोजनाओं को सिरे चढ़ाया जाएगा। इसके लिए पर्याप्त बजट व्यवस्था की जाए। भानुपल्ली-बिलासपुर
और चंडीगढ़-बद्दी रेल लाइनों को बनाने के लिए केंद्र सरकार ने हिमाचल को 50 प्रतिशत बजट खुद खर्च करने को कहा है। नंगल-तलवाड़ा रेल मार्ग को बनाने का खर्च खुद रेलवे मंत्रालय ही उठा रहा है। यह अंब तक बनी है। हिमाचल सरकार को उम्मीद है कि इसे तलवाड़ा तक बनाने के लिए रेल मंत्री आवश्यक बजट व्यवस्था के अतिरिक्त जरूरी निर्देश भी देंगे। पूर्व योजना सलाहकार एसके शाद ने कहा है कि भारत सरकार के रेल मंत्रालय ने पूर्व में हिमाचल की रेल कनेक्टिविटी के मामले में अन्याय किया है। केंद्र सरकार ने बजट में कटौती कर नई फंड वितरण शर्तें लगाई हैं। आजादी के बाद हिमाचल में केवल 44 किलोमीटर रेल लाइन ही बिछाई जा सकी है।
तत्कालीन प्रधानमंत्री ने 28 मई 2005 के दौरे के दौरान नंगल-तलवाड़ा ब्रॉडगेज रेल लाइन को पूरा करने को कहा था। इसे 2008 तक पूरा करने को कहा था। पर ये आज भी अधर में है। नंगल-तलवाड़ा के लिए बजट को 50 से 20 करोड़ घटाया गया।
भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी रेल मार्ग के बजट में की गई थी कटौती- भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी रेल मार्ग के बजट में भी कटौती की जाएगी। वर्ष 2010 में रेल मार्ग बनाने के लिए प्रदेश के हिस्से के बजट का अनुपात 50 प्रतिशत कर दिया गया। इसके बाद वर्ष
2011 में भी निर्माण लागत के अनुपात को 33 प्रतिशत कर दिया गया। पठानकोट-जोगेंद्रनगर रेल लाइन को ब्रॉडगेज करने के लिए मुफ्त भूमि देने को कहा गया। एनडीए सरकार में ये ट्रेंड जरूर बदला, जब बजट आवंटन को वर्ष 2015-16 से अधिक किया गया। अब ये उम्मीद है किवर्ष 2016-17 में नया बजट जारी किया जाएगा।