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रेल हादसे के पीछे आईएसआई का हाथ, दुबई से आता है पैसा

मोतिहारी : बिहार पुलिस ने पूर्वी चंपारण जिले में तीन अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद रेलवे को निशाना बनाने के लिए संदिग्ध पाकिस्तानी आईएसआई से लिंक के भंडाफोड़ का दावा करते हुए बताया कि गिरफ्तार अपराधियों से गत नवंबर महीने में कानपुर में हुई रेल दुर्घटना में 150 यात्रियों की मौत हो गई थी।

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जांच एजेंसियों को इसकी व्यापक स्तर पर जांच के लिए सतर्क कर दिया गया है। पुलिस ने दावा किया कि गिरफ्तार तीनों अपराधियों ने पूछताछ के दौरान स्वीकारा है कि वे रेल को निशाना बनाने के लिए आईएसआई से संदिग्ध तौर पर संबंध रखने वाले पडोसी देश नेपाल के एक नागरिक के लिए काम करते थे।

पूर्वी चंपारण जिला के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र राणा ने पत्रकारों को बताया कि आदापुर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किए गए इन अपराधियों में मोती पासवान, उमा शंकर पटेल और मुकेश यादव शामिल हैं। उन्होंने बताया कि ये तीनों पेशेवर अपराधी हैं और इनकी एक दर्जन से अधिक आपराधिक मामलों में संलिप्तता रही है।

राणा ने बताया कि पूछताछ के दौरान तीनों अपराधियों ने गत 20 नवंबर महीने में कानपुर में हुए इंदौर-पटना रेल हादसा में 150 यात्रियों की मौत हो गई थी, जिसको लेकर कुछ ‘पॉजिटिव लीड’ प्राप्त हुए हैं जिससे एटीएस और अन्य केंद्रीय जांच एजेंसियों को इसकी व्यापक स्तर पर जांच के लिए अलर्ट कर दिया गया है।उन्होंने बताया कि तीनों गिरफ्तार अपराधियों ने पूछताछ के क्रम में स्वीकारा है कि पूर्वी चंपारण जिला के घोडासाहन में एक रेल पटरी को उडाने के लिए बम लगाने के वास्ते आईएसआई से जुडे ब्रजेश गिरी नामक एक नेपाली नागरिक ने उन्हें तीन लाख रुपए दिए थे।

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