रैनबैक्सी-सन फार्मा सौदे पर 2 दिनों में निर्णय का निर्देश
नई दिल्ली (एजेंसी)। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय से कहा कि रैनबैक्सी लैबोरेटरी लिमिटेड का सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज लिमिटेड के साथ विलय को अवरुद्ध करने के लिए उठाए गए मुद्दों पर दो दिनों के भीतर निर्णय लिया जाए। सन फार्मा ने जापान की दाइची सैंकयो कंपनी ने रैनबैक्सी लैबोरेटरी की हिस्सेदारी 3.2 अरब डॉलर में खरीदी थी। उच्च न्यायालय ने 25 अप्रैल को बंबई स्टॉक एक्सचेंज बीएसई और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज एनएसई से कहा कि रैनबैक्सी और सन फार्मा के विलय को मंजूरी न दिया जाए। उच्च न्यायालय का आदेश तब आया जब दो खुदरा निवेशकों ने एक याचिका दायर की। ये दो निवेशक है तम्माली शिवकुमार और उंदी वेंकटसुब्बाराजू। दोनों ने अधिग्रहण से ठीक पहले रैनबैक्सी के शेयरों में इनसाइडर ट्रेडिंग का आरोप लगाया था। न्यायमूर्ति बी.एस. चौहान और न्यायमर्ति ए.के. सीकरी की सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय दो दिनों में मामले पर निर्णय लेगा और मामले की अगली सुनवाई के लिए उसे 29 मई को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया। सन फार्मा की ओर से पेश हुए अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने न्यायालय से कहा कि यह एक भारतीय दवा कंपनी द्वारा किए गए चार अरब डॉलर के सबसे बड़े अधिग्रहण सौदे को अवरुद्ध कर न्यायलयी प्रक्रिया का सरासर उल्लंघन है। तम्माली शिवकुमार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता वी. गिरि ने जब न्यायालय में अपना पक्ष रखा तो न्यायालय ने उनसे पूछा कि क्या वह कंपनी में शेयर धारक हैं। न्यायालय ने पूछा ‘‘क्या आप शेयर धारक हैं यदि ऐसा है तभी आपका पक्ष सुना जा सकता है।’’