रैली में 200 से ज्यादा की भीड़ हुई तो एंबुलेंस अनिवार्य
एबीवीपी की रैली के कारण लगे जाम और उसमें फंसे बीमार बच्चे का मामला नईदुनिया द्वारा प्रमुखता से उठाए जाने के बाद प्रशासन को फिर गाइडलाइन की याद आ गई। मंगलवार को उसने नए सिरे से गाइडलाइन की समीक्षा कर उसमें बदलाव के निर्देश दिए। तय किया गया कि अब 200 से ज्यादा लोगों की रैली या जुलूस में एंबुलेंस शामिल करना अनिवार्य होगा। वाहनों की संख्या को भी सीमित किया जाएगा। उधर, गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने मामले की रिपोर्ट मांगी है। कलेक्टर ने भी जांच के आदेश दिए हैं।
सोमवार को रैली की वजह से एक साल के मासूम देवांश की जान पर बन आई। पिता किशोर और बुआ महक बाइक पर बच्चे को लेकर अस्पताल जाने के लिए निकले ही थे कि जाम में फंस गए। इस दौरान मासूम की तबियत और बिगड़ गई। बुआ उसे गोद में लेकर रास्ता देने की गुहार लगाती रही, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। वह किसी तरह एक किमी दौड़कर अस्पताल पहुंची। देवांश अभी अस्पताल में ही भर्ती है। दूसरी ओर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी दिनभर बुआ और अन्य परिजन से घटनाक्रम की जानकारी लेते रहे।
ये होगी नई गाइडलाइन
– रैली-जुलूस में वाहनों की संख्या सीमित होगी। ज्यादा हुए तो रैली से वाहनों को निकलवाया जाएगा।
– यदि रैली में 200 से अधिक लोग हैं तो उसमें आयोजकों को एंबुलेंस की व्यवस्था करनी होगी।
– रैली के रूट और समय को लेकर भी राजनीतिक दल, जनप्रतिनिधियों व प्रबुद्धजनों से राय ली जाएगी।
(नई गाइडलाइन को जल्द सड़क सुरक्षा एवं यातायात समिति की बैठक में रखकर मुहर लगाई जाएगी।)
यह है पुरानी गाइडलाइन
जहां तक संभव हो रैली अवकाश वाले दिनों में निकले। व्यस्त मार्गों का चयन न हो। एक तरफ की सड़क ट्रैफिक के लिए रहे। यात्रा मार्ग छोटा होने पर सड़क पर मंच न लगे। रैली में घोड़े, बग्घी के अलावा कोई और जानवर शामिल न हो। अनुमति के साथ आयोजन से जुड़े 10 लोगों के नाम व उनके मोबाइल नंबर भी देना होंगे। एंबुलेंस व अन्य जरुरी वाहनों को प्राथमिकता से निकलने के लिए जगह देना होगी।