फीचर्डराष्ट्रीय

रोहित वेमुला के लिए न्याय की मांग करते हुए छात्रों संग भूख हड़ताल पर बैठे राहुल गांधी

rahulgandhihcuprotest650x400_635897555575722987हैदराबाद: दलित शोधार्थी की आत्महत्या के मुद्दे पर रुख और आक्रामक करते हुए राहुल गांधी शनिवार को हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के आंदोलनरत छात्रों के साथ एक दिवसीय भूख हड़ताल पर बैठ गए।

शुक्रवार आधी रात को कांग्रेस उपाध्यक्ष ने आंदोलनरत छात्रों के साथ लगभग दो घंटे बिताए और फिर उन्होंने करीब 2000 छात्रों के साथ दलित शोधार्थी रोहित के जन्मदिन के अवसर पर मोमबत्तियां जलाईं। शनिवार को रोहित का जन्मदिन है और आज वह जिंदा होते तो 27 वर्ष के हो गए होते।

शनिवार सुबह राहुल गांधी अनशन स्थल पर लौटे और आंदोलन कर रहे छात्रों के प्रति एकजुटता दिखाई। एनएसयूआई अध्यक्ष रोजी एम जॉन ने कहा, ‘राहुल जी अनशन कर रहे हैं।’ पिछले कुछ सप्ताह में दूसरी बार परिसर के दौरे पर आए राहुल ने ट्वीट किया, ‘आज मैं रोहित के दोस्तों और परिवार के अनुरोध पर यहां आया हूं ताकि इंसाफ के लिए उनके द्वारा लड़ी जा रही लड़ाई में उनके साथ खड़ा हो सकूं।’

राहुल ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘सपनों और महत्वाकांक्षाओं से भरा एक युवा जीवन संक्षिप्त हो गया। हम यह उसे, महात्मा गांधी की स्मृति को और हर उस भारतीय छात्र को समर्पित करते हैं जो पक्षपात और अन्याय से मुक्त भारत का सपना देखता है।’ विरोध प्रदर्शन स्थल पर रोहित की मां राधिका और भाई राजू भी मौजूद थे।

राहुल गांधी बोले मत लगाओ मुर्दाबाद के नारे
राहुल रात 12.10 बजे यहां पहुंचे। उन्होंने रोहित की तस्वीर के आगे मोमबत्तियां जलाईं और आंदोलनकारी छात्रों से बातचीत की। जब छात्रों ने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय के खिलाफ नारे लगाए तो राहुल ने हस्तक्षेप करते हुए नम्रता के साथ उनसे कहा कि किसी के खिलाफ ‘मुर्दाबाद’ का नारा मत लगाइए।

उन्होंने कहा, ‘हम किसी के लिए भी ‘मुर्दाबाद’ न कहें। इससे इंसाफ नहीं होगा।’ हाल ही में जिन शोधार्थियों का निलंबन वापस लिया गया है, उनमें से एक वेपुला सुंकन्ना ने कहा कि कुलपति अप्पा राव पोडिले को पद से हटाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ’17 जनवरी को हमने अप्पा राव और पांच अन्य के खिलाफ अजा-अजजा अत्याचार का मामला दर्ज कराया था। इन छह लोगों को तत्काल गिरफ्तार किया जाना चाहिए। यह एकमात्र मांग है।’ सुंकन्ना विजय कुमार के साथ आमरण अनशन पर हैं। विजय कुमार का निलंबन भी वापस लिया गया था।

परिसर में राहुल द्वारा दूसरी बार किए गए इस दौरे के बारे में उन्होंने कहा, ‘मैं इसे उसी तरह देखता हूं, जैसे कि अरविंद केजरीवाल, सीताराम येचुरी, माकपा नेता और कई अन्य लोग यहां आए और हमें समर्थन दिया। हम उसी तरह से राहुल गांधी को देखते हैं।’

दो शोधार्थियों सहित तीन वे छात्र भी आमरण अनशन पर बैठे, जिन्हें पहले निलंबित कर दिया गया था। ये लोग कुलपति अप्पा राव पोडिले को बर्खास्त करने और गिरफ्तार करने की मांगों को लेकर अनशन पर बैठे हैं। इसके साथ ही इनकी एक मांग यह भी है कि स्मृति ईरानी और बंडारू दत्तात्रेय को कैबिनेट से हटाया जाए। वेमुला का शव विश्वविद्यालय के छात्रावास में लटका हुआ पाए जाने के बाद से राहुल दूसरी बार हैदराबाद के दौरे पर आए हैं।

इससे पहले दलित शोधार्थी की आत्महत्या के बाद राहुल 19 जनवरी को विश्वविद्यालय में आए थे। तब उन्होंने आंदोलनरत छात्रों और वेमुला के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की थी।

बीजेपी का आरोप मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं राहुल
इसी बीच बीजेपी ने राहुल द्वारा किए गए एचसीयू के इस दौरे की आलोचना करते हुए उन पर और कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया है कि वे इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं। तेलंगाना बीजेपी के प्रवक्ता कृष्णा सागर राव ने कहा, ‘राहुल गांधी और कांग्रेस राजनीतिक रूप से इतने दिवालिया और बेरोजगार हैं कि उन्हें एक छात्र की त्रासद मौत का बार-बार राजनीतिकरण करना पड़ रहा है।’

राव ने सवाल उठाया, ‘राहुल गांधी चेन्नई क्यों नहीं जा रहे हैं, जहां लगभग एक सप्ताह पहले तीन लड़कियों ने आत्महत्या की है।’ उन्होंने कहा, ‘तुच्छ राजनीतिक लाभ लेने की उनकी कोशिश उन्हें एचसीयू परिसर में वापस लेकर आई है। यह शवों पर राजनीति की सबसे बड़ी मिसाल है।’

छुट्टी पर गए अंतरिम कुलपति डॉ. विपिन श्रीवास्तव
शुक्रवार को घटनाक्रम में एक नाटकीय मोड़ उस समय देखने को मिला, जब एचसीयू के अंतरिम कुलपति के रूप में प्रभार संभालने वाले डॉ विपिन श्रीवास्तव रोहित की मौत के कारण हो रहे विरोध प्रदर्शनों के चलते छुट्टी पर चले गए।

विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के अंतरिम कुलपति के रूप में प्रभार संभालने वाले डॉ विपिन श्रीवास्तव 29 जनवरी की दोपहर से छुट्टी पर चले गए हैं और अगले आदेशों तक अगले वरिष्ठतम प्रोफेसर डॉ एम. परियासामी कुलपति के कर्तव्यों का निवर्हन करेंगे।’

अधिकारी ने कहा कि डॉ श्रीवास्तव के छुट्टी पर जाने के कारणों का तत्काल पता नहीं चल पाया है। आत्महत्या के मुद्दे पर छात्रों द्वारा किए गए रहे भारी विरोध प्रदर्शनों के बाद पोडिले छुट्टी पर चले गए थे और फिर 24 जनवरी को डॉ. श्रीवास्तव को अंतरिम कुलपति नियुक्त किया गया था।

पिछले साल सितंबर में एचसीयू ने पांच छात्रों- डी. प्रशांत, विजय कुमार, शेशइय्या चेमुदुगुंता, वेलपुला सुंकन्ना और रोहित को पूरे सेमेस्टर (छह माह) के लिए निलंबित कर दिया था। इन पर एबीवीपी के नेता सुशील कुमार पर अगस्त में हमला करने का आरोप था।

बहरहाल, पिछले सप्ताह भारी दबाव के चलते एचसीयू ने उन चार छात्रों का निलंबन वापस ले लिया था जिनके और रोहित के खिलाफ कार्रवाई की गई थी।

 

Related Articles

Back to top button