लखनऊ के स्कूल में लगी पहली सैनिटरी नैपकिन मशीन
लखनऊ । बचपन से किशोरावस्था की दहलीज पर कदम रखने पर होने वाले शारीरिक बदलावों से उपजी मजबूरी को लड़कियों के स्कूल छोड़ने की बड़ी वजह मान रही उत्तर प्रदेश सरकार की चिंता दूर करने की कोशिश के तहत राजधानी लखनऊ के एक कालेज ने अपने यहां पहली सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराने वाली मशीन लगायी गयी है।
शहर के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित महिला महाविद्यालयों में शुमार किये जाने वाले अवध गल्र्स डिग्री कालेज ने यह साहसिक कदम उठाते हुए अपने यहां छात्राओं के लिये स्वचालित सैनिटरी वेंडिंग मशीन लगवायी है।
कालेज की प्रबन्धक प्रोफेसर निशि पाण्डेय ने बताया हमने करीब एक हफ्ते पहले सैनिटरी वेंडिंग मशीन लगवायी है। इसे लेकर छात्राओं की प्रतिक्रिया काफी सकारात्मक है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक पैड के लिये छात्राओं से 10 रुपये लिये जाते हैं। अब इस्तेमाल किये गये पैड के निस्तारण के लिये भी एक मशीन लगाये जाने पर विचार किया जा रहा है। लखनउ विश्वविद्यालय में शिक्षिका के तौर पर कार्यरत निशि ने बताया कि विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग तथा लड़कियों के कॉमन रूम में भी सैनिटरी वेंडिंग मशीन लगवाने की योजना बनायी जा रही है। उन्होंने बताया कि इस बारे में विश्वविद्यालय के कुलपति की इजाजत का इंतजार किया जा रहा है। राज्य सरकार का मानना है कि सैनिटरी पैड की अनुपलब्धता, स्कूलों में लड़कियों के लिये अलग शौचालय नहीं होने तथा शौचालयों में पर्याप्त पानी की उपलब्ध नहीं होने की वजह से छात्राओं को मजबूरन स्कूल छोड़ना पड़ता है। हिन्दुस्तान में जहां लड़कियों तथा महिलाओं की शारीरिक जरूरतों की चीजों पर बात करना वर्जित है, वहां एक सचाई यह भी है कि इन्हीं कारणों से बड़ी संख्या में लड़कियां स्कूल छोड़ देती हैं।