लखनऊ को भी ‘कार फ्री डे’ की जरूरी, सात गुनी जहरीली हुई हवा
लखनऊ. उत्तर प्रदेश दिल्ली की तरह ही राजधानी लुच्क्नोए को भी कार फ्री डे की जरुरत है क्योंकि नवाबों की शहर आबो हवा बदल गई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) द्वारा जारी किये गए नए आंकड़े के मुताबिक लखनऊ की हवा सात गुनी तक जहरीली हो चुकी है.
डब्लूएचओ के आंकड़े के मुताबिक पिछले पांच सालों में राजधानी में प्रदूषण का स्तर डेढ़ गुना बढ़ा है जबकि हवा में मानकों से सात गुना ज्यादा प्रदूषण है. डब्लूएचओ के अनुसार मानक 50 माइक्रोन प्रति घन होना चाहिए जबकि मौजूदा समय में लखनऊ का स्तर 349.8 माइक्रोन प्रति घन है.
क्यों हो रही है लखनऊ की हवा जहरीली
इसकी मुख्या वजह है शहर में बढ़ती गाड़ियों की संख्या. राजधानी में हर साल एक लाख से ज्यादा नए वाहन लखनऊ की सड़कों पर दौड़ रहे हैं. आपको बता दें कि बीजिंग के बाद दिल्ली सबसे ज्यादा प्रदूषण वाला शहर है. दिल्ली में प्रदूषण 11 गुना ज्यादा है, जिसकी वजह से केजरीवाल सरकार ने 1 जनवरी से रोजाना निजी वाहन चलाने पर रक लगा दी है.
जरुरत है लखनऊ को भी है वक्त रहते सचेत रहने की और सरकार को कड़े फैसले लेने की. सरकार को अब वाहनों के संचालन और उनकी खरीद और विक्री पर भी पालिसी बनाने की जरुरत है.
मौजूदा समय में कोई भी व्यक्ति जितनी चाहे उतनी कारें खरीद सकता है और जब चाहे अपने निजी वाहन का प्रयोग कर सकता है.
गाजियाबाद और नोएडा में आटोमेटिक एयर एम्बिएंट स्टेशन बनेंगे
प्रदेश सरकार ने फैला लिया है कि गाजियाबाद और नोएडा में आटोमेटिक एयर एम्बिएंट स्टेशन बनाए जाएंगे. इन स्टेशन से एयर क्वालिटी को परखने के लिए जयादा समय नहीं लगेगा. आपको बता दें की लोगों को जागरूक करने के लिए एयर क्वालिटी डिस्प्ले का आदेश यूपी प्रदुषण बोर्ड को दिया गया था लेकिन वह डिस्प्ले बोर्ड ही नहीं काम करता.