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लखनऊ से दबोचा गया बिटकॉइन फ्रॉड का आरोपी, इंजीनियरिंग छात्रों के साथ करता था ये काम
एसटीएफ ने मोटी कमाई के फेर में वर्चुअल करेंसी बिटकॉइन के नाम पर फ्रॉड करने वाले एक बड़े गैंग का खुलासा करते हुए लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन से एक जालसाज को गिरफ्तार किया है। इस गैंग के तार यूपी से लेकर महाराष्ट्र तक जुड़ रहे हैं। सर्विलांस के जरिये बृहस्पतिवार को गिरफ्तार जालसाज अजहद उर्फ अरशद इलाहाबाद का रहने वाला है।
एसटीएफ का दावा है कि बिटकॉइन के फ्रॉड में संभवत: देश में यह पहली गिरफ्तारी है। एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि हरियाणा के पंकज गर्ग ने यूपी एसटीएफ के साइबर क्राइम थाने में बिटकॉइन के नाम पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। चार्टर्ड एकाउंटेंट की तैयारी कर रहे पंकज ने बताया कि उसके साथ 50 हजार रुपये की धोखाधड़ी हुई थी। अपर पुलिस अधीक्षक त्रिवेणी सिंह ने जांच की तो पता चला कि इसके पीछे बड़ा गैंग काम कर रहा है।
ऐसे सामने आया मामला
पीड़ित पंकज ने बिटकॉइन का सौदा इलाहाबाद के अजहद से किया। जिस अकाउंट में उसने पैसा जमा कराए, वह पुणे का था। पंकज ने पहले 10 हजार रुपये की बिटकॉइन खरीदी। बाद में 50 हजार रुपये की बिटकॉइन और खरीदने के लिए अकाउंट में पेमेंट किया, लेकिन बिटकॉइन नहीं मिली। पंकज से यह धोखाधड़ी बिटकॉइन का कारोबार करने वाली यूरोप से संचालित एक्सचेंज वेबसाइट (www.localbitcoin.com) पर बनी एक आईडी से हुई।
इंजीनियरिंग छात्रों के साथ मिलकर जालसाजी
गिरफ्तार अजहद इलाहाबाद के न्यू मार्केट बमरौली, थाना धूमनगंज का रहने वाला है। एसटीएफ की पूछताछ में उसने बताया कि इलाहाबाद के एक इंजीनियरिंग कॉलेज के कुछ छात्रों के साथ मिलकर वह इस तरह का काम करता है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया बिटकॉइन को लीगल टेंडर नहीं मानती। इसके बावजूद बिटकॉइन व अन्य वर्चुअल मुद्रा के कई एक्सचेंज बने हुए हैं, जिनसे लोग आपस में खरीद फरोख्त करते हैं। चूंकि इनका रजिस्ट्रेशन नहीं है, इसलिए इनकी शिकायत भी नहीं की जा सकती।
एसटीएफ ने वेबसाइट से मांगी यूजर डिटेल
एसटीएफ के सूत्रों का कहना है कि जिस वेबसाइट से फ्रॉड किया गया, उससे संपर्क कर यूजर डिटेल मांगी गई है। वहीं अजहद और उससे जुड़े लोगों के बैंक खातों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।