लखनऊ : रेलवे बोर्ड ने 100 दिन के एक्शन प्लान में देश की दो प्रीमियम ट्रेनों को निजी क्षेत्र की मदद से दौड़ाने की योजना बना ली है। इसमें पहली ट्रेन लखनऊ से दिल्ली के बीच चलेगी। जबकि दूसरी ट्रेन दक्षिण भारत में चल सकती है। लखनऊ पहुंचे तेजस एक्सप्रेस को निजी क्षेत्र की मदद से चलाया जाएगा। शुरुआत में इस ट्रेन की टिकटिंग, बोर्डिंग और खानपान की जिम्मेदारी रेलवे की संस्था भारतीय रेलवे खानपान पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) की होगी। जिसे बाद में एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट के जरिए ऊंची बोली लगाने वाली निजी कंपनी को सौंपा जाएगा। रेलवे बोर्ड ने 11 क्षेत्रों में नई सुविधाएं देने का एक्शन प्लान बनाया है। जिसके तहत 100 दिनों में इसे लागू करने की समय सीमा तय की गई है। रेल कोच फैक्ट्री से तेजस एक्सप्रेस का रैक लखनऊ पहुंचा है। इस ट्रेन को चलाने का जिम्मा जोनल रेलवे की जगह आइआरसीटीसी को देने के लिए बोर्ड मुख्यालय में एक बैठक भी हो गई है। इस पर अंतिम निर्णय एक सप्ताह के भीतर होगा। आइआरसीटीसी रैक को लीज पर रेलवे बोर्ड से लेगा और इसका शुल्क भी देगा। रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक अभी आइआरसीटीसी गतिमान एक्सप्रेस की तर्ज पर पांच सितारा होटल से खानपान की सुविधा देगा। ट्रेन का किराया भी रेलवे बोर्ड की जगह आइआरसीटीसी तय करेगा। इस ट्रेन में सब्सिडी नहीं मिलेगी। जिससे किराया शताब्दी एक्सप्रेस से अधिक जरूर होगा, लेकिन सुविधाएं विमानों से बेहतर दी जाएंगी। आइआरसीटीसी अपनी वेबसाइट पर इस ट्रेन के टिकट बेचेगा और आरक्षण चार्ट बनाने के साथ अपने टीटीई तैनात करेगा। पहले ट्रेन की ब्रांडिंग आइआरसीटीसी करेगा। जबकि निजी क्षेत्र में आने के बाद यह काम कंपनी का होगा। इससे प्रदेश के पर्यटन स्थलों का प्रचार प्रचार बोगियों पर विनायल पेंट से कर आमदनी हासिल की जा सकेगी। इसके बाद मुख्य पर्यटन स्थलों और बड़े शहरों को भी ऐसी ही ट्रेनों से जोड़ा जाएगा। रेलवे का काम रैक बनाकर आइआरसीटीसी को सौंपने और अपना क्रू स्टाफ मुहैया कराने का होगा। ट्रेन का नाम भी आइआरसीटीसी तय करेगा। जिसके बाद हॉलेज (किराया और रखरखाव व एक स्थान पर रैक को रखे जाने का खर्च) की स्टडी करके आइआरसीटीसी इसे निजी क्षेत्र में चलाने के लिए एक न्यूनतम बोली तय करेगा। ऊंची बोली लगाने वाली कंपनी से प्राप्त आय का एक हिस्सा रेलवे को मिलेगा। जबकि आइआरसीटीसी को एक तय फीस मिलेगी। शेष कॉमर्शियल गतिविधियों से निजी कंपनी आय हासिल करेगी।