लगातार तीसरे दिन धुंध की चादर में लिपटी रही मुंबई, लोग परेशान
दस्तक टाइम्स एजेन्सी/ मुंबई: मुंबई लगातार तीसरे दिन धुंध की चपेट में है, नासा से मिली तस्वीरों में मुंबई के एक बड़े हिस्से पर धुंध का असर दिख रहा है। हालात देवनार डंपिंग ग्राउंड में लगी आग से बिगड़े हैं, जिसपर तीसरे दिन भी फायर ब्रिगेड की 20 गाड़ियां पूरी तरह से काबू नहीं कर सकी हैं।
27 जनवरी से 29 जनवरी के बीच नासा ने ये तस्वीर ली है। 27 जनवरी को जहां आसमान साफ़ है, वहीं 28 जनवरी को जब देवनार डंपिंग ग्राउंड में आग लगी तो किस तरह से धुआं छा गया। इस आग के असर का अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि ना सिर्फ़ मुंबई बल्कि पास के रायगढ़ इलाके में भी असर दिख रहा है। इलाके में रहने वाले लोग इस धुंध से बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। 63 साल के प्रेमचंद मुंबई के पूर्वी उपनगर चेंबूर में रहते हैं। तीन दिन से इलाका धुंध की चपेट में है और प्रेमचंद डॉक्टर के क्लीनिक में। उनका कहना है, “मुझे सर्दी जुकाम के साथ सांस लेने में दिक्कत आ रही है।”
इलाके में प्रैक्टिस करने वाले डॉ. कुंतल पाल के मुताबिक, “पहले सांस संबंधी तकलीफों से अगर 10 मरीज़ रोज़ाना आते थे, पिछले दिनों ये आंकड़ा 25 तक पहुंच गया है, ये बताने के लिए काफी है कि लोग स्मॉग से किस कदर परेशान हैं।”
गाड़ियों, कारखानों के प्रदूषण के अलावा धुंध की चादर की बड़ी वजह देवनार डंपिग यार्ड में लगी आग है। हालात ऐसे हैं कि बीएमसी ने इलाके के 70 से ज्यादा स्कूलों को दो दिनों से बंद रखा है। मुख्यमंत्री बीएमसी से कार्रवाई करने को कह रहे हैं, लेकिन विपक्ष ने सरकार को पूरी तरह से घेरने का मन बना लिया है।
मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरूपम का कहना है बीएमसी के पास सॉलिड वेस्ट मैनजेमेट का कोई तरीका नहीं है, पूरे शहर में प्रदूषण बढ़ रहा है इस हालात के लिए महानगरपालिका और सरकार ज़िम्मेदार हैं। वहीं पर्यावरणविद ऋषि अग्रवाल के मुताबिक बीएमसी सॉलिड वेस्ट मैनजमेंट के सारे नियमों की 15 साल से धज्जियां उड़ा रही हैं, उन्हें कचरे को कम करने के उपाय ढूंढने होंगे। मुंबई में 4000 टन से ज्यादा कचरा रोज पैदा होता है, जिसे खपाने के लिए 3 डंपिंग यार्ड नाकाफी हैं, ऐसे में ये धुंध एक और चेतावनी है लोगों को जगाने के लिए।