दिल्ली

लगातार हो रहे गैंगवार से तिहाड़ की सुरक्षा तार-तार

tihar-jail-55942c1f2920a_exlstपिछले कुछ महीनों में तिहाड़ में वर्चस्व के लिए गैंगवार की घटना से तिहाड़-प्रशासन और दिल्ली गृह विभाग सकते में है। तिहाड़ में लगातार खूनी संघर्ष और एक के बाद एक हत्या ने न सिर्फ तिहाड़-प्रशासन पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं बल्कि अति सुरक्षित माने जाने वाले तिहाड़ की सुरक्षा को भी तार-तार कर दिया है।
अभी तक की जांच में सामने आया है कि बुधवार को तिहाड़ में दो कैदियों की हत्या भी गैंगवार का ही नतीजा है। मामले की जांच जारी है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बुधवार को तिहाड़ में खूनी संघर्ष में जान गंवाने वाला अनिल नीरज बवानिया गैंग से ताल्लुक रखता था और ईश्वर से बदला लेने की नीयत से उस पर हमला किया था।
लेकिन इस खूनी संघर्ष में दोनों को ही अपनी जान गंवानी पड़ी। सूत्रों की मानें तो करीब एक माह पहले रोहिणी अदालत से तिहाड़ आते वक्त जेल वैन में जिन दो कैदियों की हत्या हुई थी उससे भी बुधवार की वारदात के ताड़ जुड़े हैं।
हालांकि इस मामले में पुलिस अभी तक अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है। मिली जानकारी के मुताबिक, नीरज बवानिया इस वक्त रोहिणी जेल में बंद है और उस पर कई मामले चल रहे हैं।
बताया जा रहा है कि उसके गैंग के कुछ कैदी रोहिणी तो कुछ कैदी तिहाड़ में बंद हैं। बवानिया के विरोधी गुट के लोग भी रोहिणी और तिहाड़ में बंद हैं। ऐसे में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि बुधवार को हुए खूनी संघर्ष का असर रोहिणी जेल में भी दिखे।
मामले की जांच कर रही हरि नगर पुलिस जांच के लिए बृहस्पतिवार को तिहाड़ जेल पहुंची, जहां पुलिस ने एक दर्जन से ज्यादा कैदियों और उस वक्त ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मियों से बातचीत की और बयान भी दर्ज किए। उधर, बुधवार को मारे गए अनिल और ईश्वर के शव का पोस्टमार्टम लेडी हार्डिंग अस्पताल में किया गया। शवों को पीड़ित परिजनों को सौंप दिया गया है।
तिहाड़ जेल में बुधवार को हुए गैंगवार को लेकर गृहमंत्री सत्येंद्र जैन ने बृहस्पतिवार को समीक्षा बैठक की। बैठक में हादसे के हालात पर अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली। सत्येंद्र जैन ने बैठक के बाद बताया कि तिहाड़ जेल में कैदियों की संख्या क्षमता से 119 फीसदी अधिक है। फिर करीब 14000 जो कैदी हैं उसमें विचाराधीन कैदी 10,800 हैं। न्याय प्रक्रिया तेज हो तो भीड़ में कमी आएगी।
सत्येंद्र जैन ने बताया कि वर्चस्व के लिए दो ग्रुप के बीच लड़ाई हुई। अगर जेल के अधिकारी मुस्तैद नहीं होते तो हादसा और भी बड़ा हो सकता था। फिर भी मामले की प्रशासनिक जांच और न्यायिक जांच चल रही है। रिपोर्ट में अगर जेल अधिकारी दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
गृह मंत्री ने बताया कि तिहाड़ जेल की भीड़ कम करने केलिए मंडोली जेल का निर्माण चल रहा है।� हमारी सरकार ने दिसंबर, 2015 तक निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा था लेकिन अभी दो महीने और लेट होने की आशंका है। यही वजह है कि अधिकारियों की बैठक 10 अक्तूबर को बुलाई गई है।

 

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