लगातार 7वें दिन बढ़े पेट्रोल के दाम, डीजल में भी हुई 20 पैसे की बढ़ोतरी
पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी रुकने का नाम नहीं ले रही है. बुधवार को लगातार 7वें दिन भी तेल के दाम में वृद्धि हुई है. दिल्ली में पेट्रोल 13 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया, वहीं डीजल के दाम में 19 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है. इस प्रकार पेट्रोल के दाम लगातार छठे दिन बढ़ोतरी हुई है जबकि डीजल की कीमत में लगातार 14वें दिन वृद्धि हुई है. इसके अलावा देश की आर्थिक राजधानी मानी जाने वाली मुंबई में भी तेल की दामों में वृद्धि हुई है.
मुंबई में पेट्रोल के भाव में 13 पैसे की बढ़ोतरी हुई है, वहीं तेल कंपनियों ने यहां में डीजल के दाम 20 पैसे बढ़ा दिए हैं. दिल्ली और मुंबई के अलावा चेन्नई व कोलकाता में भी तेल महंगा हुआ है. चेन्नई में पेट्रोल के भाव 14 पैसे तो कोलकाता में 13 पैसे बढ़ गए हैं. वहीं, इन दोनों महानगरों में डीजल के दाम की बात करें तो चेन्नई में 21 पैसे और कोलकाता में 19 पैसे की बढ़ोतरी हुई है.
बढ़ी हुई कीमतों के बाद दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की कीमत क्रमश: 71.27 रुपये और 65.90 रुपये हो गई है. वहीं, चेन्नई, कोलकाता और मुंबई में पेट्रोल के भाव में क्रमश: 73.99 रुपये, 73.36 रुपये और 76.90 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई हैं. इसी तरह तीनों महानगरों में डीजल की नई कीमत क्रमश: 69.62 रुपये, 67.68 रुपये और 69.01 रुपये प्रति लीटर हो गई है.
जानकारी के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में तेजी लगातार जारी है. यही कारण है कि पेट्रोल और डीजल के दाम में भी लगातार बढ़ोतरी जारी है. बढ़ रही तेल की कीमतों पर ब्रेक लगने की संभावना फिलहाल नहीं दिख रही है. एशियाई बाजारों में कमजोर रुख के साथ प्रतिभागियों के सौदे कम करने से वायदा कारोबार में मंगलवार को कच्चा तेल 0.88 प्रतिशत गिरकर 3,842 रुपये प्रति बैरल पर आ गया.
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में डिलिवरी वाले कच्चे तेल में 0.88 प्रतिशत की गिरावट आई है, यानी 34 रुपये की कमी देखने को मिली है, जिसके बाद कच्चा ते 3,842 रुपये प्रति बैरल पर आ गया. इसमें 7,951 लॉट का कारोबार हुआ. इस बीच, वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट कच्चा तेल 0.63 प्रतिशत गिरकर 53.70 डॉलर पर पहुंच गया. वहीं, ब्रेंट कच्चा तेल 0.80 प्रतिशत गिरकर 62.24 डॉलर प्रति बैरल पर रहा.
2019 में चीन को पछाड़ देगा भारत
2019 में भारत पेट्रोलियम ईंधन की मांग के मामले में चीन को पछाड़कर विश्व में दूसरे नंबर पहुंच जाएगा. वहीं, अमेरिका इस मामले में नंबर एक पर बना रहेगा. अनुसंधान और परामर्श कंपनी वुड मैकेंजी ने इस बात का अनुमान जताया है. मैकेंजी की रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में भारत में तेल की मांग में वृद्धि देखी गई. भारत की तरफ से 14 प्रतिशत ज्यादा वैश्विक मांग की गई जो 2,45,000 बैरल प्रतिदिन बनता है.
मैकेंजी ने कहा, ‘हम 2019 में तेल की मांग में इसी तरह की वृद्धि का अनुमान लगा रहे हैं. इससे भारत वैश्विक स्तर पर मांग में वृद्धि के मामले में चीन को पछाड़ देगा. परिवहन में इस्तेमाल में आने वाले पेट्रोल और डीजल एवं घरों में इस्तेमाल होने वाली एलपीजी की मांग में तेजी इसकी मुख्य वाहक बनेगी.’