लचीले होंगे मोदी, समस्याएं भी आएंगी : चीनी अखबार
बीजिंग। बहुप्रचारित तौर पर भारत के अगले प्रधानमंत्री माने जा रहे नरेंद्र मोदी के बारे में एक चीनी अखबार ने बुधवार को कहा है कि चीन के साथ आर्थिक संबंधों में लचीलापन दिखा सकते हैं लेकिन नई समस्याएं भी खड़ी कर सकते हैं। ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक विश्लेषकों की राय है ‘‘चीन को लेकर मोदी राजनीतिक विवादों पर कड़ा रुख अख्तियार करेंगे लेकिन आर्थिक नीति पर ‘अत्यंत उदार’ रवैया अपनाएंगे।’’ग्लोबल टाइम्स के लेखक यांग जिंगजिए ने ‘चीन के साथ व्यापार में भारत की प्रतिबंधात्मक नीतियों की बाधाएं’ शीर्षक लेख में अपना नजरिया प्रस्तुत किया है। लेख में कहा गया है कि गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी ‘कारोबार समर्थक के रूप में जाने जाते हैं। वे चीनी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए चार बार चीन की यात्रा कर चुके हैं।’ ‘‘द इकोनॉमिस्ट के 2०11 के अंक में गुजरात को भारत के गुआंगडोंग माना गया था क्योंकि देश की पांच प्रतिशत आबादी वाले इस राज्य का औद्योगिक योगदान 16 प्रतिशत और निर्यात योगदान 22 प्रतिशत रहा।’’ लेख में चीनी समकालीन अंतर्राष्ट्रीय संबंध के अनुसंधानकर्ता का उल्लेख करते हुए बताया गया है कि मोदी से भारत-चीन आर्थिक संबंधों को और विस्तार मिलने की उम्मीद है। व्यापार में बेहतरी की उम्मीद जताने वाले इस लेख में यह भी उल्लेख किया गया है कि चीन की तरफ मोदी राजनीतिक रूप से कठोरता बरत सकते हैं। लेख में कहा गया है कि अनुसंधानकर्ता हू जियोंग का कहना है ‘‘भारतीय जनता पार्टी का चीन के प्रति पहले से ही कड़ा रुख रहा है। इस बात में कतई संदेह नहीं कि मोदी पार्टी के विचारों पर ही कायम रहेंगे। वह बीजिंग के प्रति कड़ा रवैया अपना सकते हैं और चीन के साथ सौदेबाजी में सीमा विवाद तिब्बत का सवाल और दलाई लामा का इस्तेमाल कर सकते हैं।’’