लडकियों का अपहरण कर बेचते फिर शादी कर अनैतिक कारोबार में उतारते
अलीगढ़। मानव तस्करी के सनसनीखेज मामले से दादों पुलिस ने गुरुवार को पर्दा उठा दिया। मानव तस्करी का यह धंधा बड़े सलीके से अंजाम दिया जाता है। कारोबार के कुल चार चरण है। इनमें अपहरण, बिक्री, शादी फिर अनैतिक काम में ढकेला जाता है। उन्नाव से अपहरण कर लाई गई छात्रा का यहां अतरौली के शख्स से 40 हजार में सौदा हुआ था। तीन दिन तक छात्रा को बंधक बनाकर रखा गया। बुधवार को अपहर्ताओं के चंगुल से छूटी छात्रा ने थाने पहुंचकर आपबीती सुनाई तो पुलिस ने महिला समेत तीन लोगों को धर दबोचा। मुख्य अभियुक्त समेत दो लोग फरार हैं। पुलिस के मुताबिक गिरोह बाहर की लड़कियों को लाकर अलीगढ़ में बेचता है। अन्य मामलों में विवेचना लंबित हैं। संजय मास्टरमाइंड है। पप्पू सौदा तय करता है। संजय की गिरफ्तारी के बाद कई और मामले खुल सकेंगे।
कैसे चलता कारोबार
- पहले दूरदराज से से लडकियों का अपहरण किया जाता है।
- पश्चिम यूपी के कुछ क्षेत्रों के गांव में शादी कराई जाती है।
- शादी करने के बाद अनैतिक कारोबार में उतरा जाता है।
खुलेगा बड़ा मानव तस्करी गैंग
उन्नाव के गंगाघाट क्षेत्र के आजाद नगर निवासी एक व्यक्ति की 17 वर्षीय बेटी का 31 दिसंबर की दोपहर घर से कुछ ही दूरी पर अपहरण कर लिया गया। कार में डाल कर उसे बेहोश कर दिया गया। एसपी देहात डॉ. यशवीर सिंह ने बताया कि छात्रा ने पुलिस को जानकारी दी है कि अपहरण के बाद उसे कानपुर स्टेशन पर थोड़ा होश आया। इसके बाद फिर बेहोश हो गई। अलीगढ़ में होश आया तो खुद को दादों के गांव नगला मुंडा के मकान में पाया। थाना प्रभारी अजय चाहर ने बताया कि ये मकान संजय का था जो मुख्य अभियुक्त है। संजय और उसकी पत्नी अंजू ने छात्रा को अगवा किया था। इसका सौदा 40 हजार में अतरौली के सोनू से किया था। दो दिन बाद सोनू के साथ इसकी जबरन शादी करा दी जाती। बुधवार सुबह छात्रा किसी तरह भाग निकली। इसके बाद किसी तरह थाने पहुंची और मामले की जानकारी दी।
बाहर से लड़कियां लाकर बेचने का धंधा
पुलिस ने बताए गए ठिकाने से नगला मुंडा के पप्पू, सोमवीर, अंजू को गिरफ्तार कर लिया। सोनू और संजय फरार हो गए। संजय खुद को नोएडा की कंपनी में कर्मचारी बताता है। नोएडा जाने के बहाने बाहर से लड़कियां लाकर बेचता है। पप्पू ग्राहक ढूंढ़कर सौदा तय करता है। इन लोगों ने अलीगढ़, कासगंज, बुलंदशहर, एटा आदि जिलों की लड़कियों का सौदा किया है। इन मामलों में विवेचना चल रही हैं।
मानव तस्करी का शिकार थी लखनऊ की अंजू
मानव तस्करी में जिस अंजू राज चौहान को पुलिस ने गिरफ्तार किया है वो खुद इसका शिकार थी। अंजू ने बताया कि वह लखनऊ के चारबाग सदर क्षेत्र में रहती थी। तीन साल पहले अपहरण कर उसे यहां लाया गया और योगेंद्र उर्फ संजय से सौदा कर शादी करा दी। रोज मारपीट की जाती, दबाव बनाकर जबरन इस धंधे में शामिल कर लिया। अब उसके पास चार साल का बेटा दीपक है, जो निर्दोष ही जेल जाएगा।
कोड में जिलों के नाम
अंजू ने बताया कि हम लोग जिलों के नाम उनके कोड से लेते हैं। मसलन, अलीगढ़ है तो 81, आगरा का 80, एटा का 82 आदि। जिस जिले की लड़की लानी होती है, उसका कोड बताया जाता है। जिससे लड़की के गृहजनपद के बारे में भनक न लगे। गांव सिहानी की चांदनी, ममता, अतरौली की अल्पना आदि लोग यही काम करते हैं। इंस्पेक्टर अजय चाहर ने बताया कि इन सभी को टै्रस किया जा रहा है। रही बात अंजू के अपहरण की तो अलीगढ़ आए उसके परिजनों ने कोई आरोप नहीं लगाया है।