लद्दाख पहुंचे आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे, घायल जवानों से की मुलाकात
श्रीनगर : लद्दाख के गलवन घाटी में चीन सेना से हुई झड़प के बाद उपजे हालात का जायजा लेने थलसेना अध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे दिल्ली से लद्दाख पहुंच गए हैं। लद्दाख पहुंचते ही सबसे पहले सेना प्रमुख ने 15 जून को चीनी सेना के साथ झड़प में घायल हुए सैनिकों से मुलाकात की। लेह अस्पताल में उपचाराधीन घायल जवानों से बात करते हुए आर्मी चीफ ने उनसे गलवन घाटी प्रकरण के बारे में जानकारी भी ली। उन्होंने बहादुर जवानों की सराहना भी की। लद्दाख एयरपोर्ट उतरने पर थलसेना प्रमुख ने कोविड 19 प्रोटोकॉल के पालन का भी पूरा ध्यान रखा। सैन्य सूत्रों का कहना है कि जब सेना प्रमुख लद्दाख पहुंचने पर अपने विमान से उतरे तो एक जवान ने कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार उनके तापमान की जांच की। इसके बाद वह सैन्य काफिले के साथ लेह अस्पताल में उपचाराधीन घायल जवानों का हाल जानने के लिए रवाना हुए।
दो दिवसीय दौरे पर पहुंच रहे थलसेना अध्यक्ष इस दौरान घाटी के हालात जाने के लिए कश्मीर भी जाएंगे। सेना अध्यक्ष पूर्वी लद्दाख की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले सैनिकों का उत्साह बढ़ाने के साथ फील्ड कमांडरों से बातचीत कर सुरक्षा परिदृश्य का जायजा भी लेंगे। चीन के हिंसक हमले में 20 साथियों के शहीद होने से क्रोधित सैनिक बदला लेने के लिए तैयार हैं।
सेना ने पूर्वी लद्दाख के हाट स्प्रिंग, डेमचौक, कायूल, फुक्चे, डेपसांग, मुरगो व गलवन में सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। पूर्वी लद्दाख में चीन से निपटने की तैयारी के बीच बातचीत भी चल रही है। सेना की 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरेन्द्र सिंह ने दक्षिण जिनझियांग जिला के चीफ मेजर जनरल लियु लिन से चुशुल-मोल्डो बॉर्डर पर्सनल हट में बैठक की। पूर्वी लद्दाख में सेना के साथ वायुसेना भी हाई अलर्ट पर है। वायुसेना ने तीन एडवांस लैडिंग ग्राउंड बनाई है। वायुसेना के फाइटर विमान व हेलिकॉप्टर दुश्मन पर नजर रखे हुए हैं। थलसेना अध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।