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लश्कर के आतंकी सुभान, असहबुद्दीन पुलिस हिरासत में

subhbhanनयी दिल्ली। दिल्ली और आसपास के इलाकों में हमले की साजिश के आरोप में गिरफ्तार लश्कर-ए-तैयबा के दो संदिग्ध आतंकवादियों अब्दुल सुभान और असहबुद्दीन को एक स्थानीय अदालत ने आज 12 अगस्त तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया। सुभान और असहबुद्दीन को उनकी रिमांड की मियाद पूरी होने से पहले अदालत के समक्ष पेश किया गया और दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने उनकी 15 दिन की हिरासत की मांग की। पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने कहा कि दोनों को कोलकाता की जेल में बंद पाकिस्तानी नागरिक अरशद के सामने बैठाकर पूछताछ करने की जरूरत है। इस मामले में सह-आरोपी अरशद जूता कारोबारी पार्थ रॉय बर्मन के 2001 में हुए अपहरण के मामले में गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह कोलकाता की जेल में बंद है। विशेष प्रकोष्ठ ने न्यायाधीश से कहा कि अरशद को यहां लाए जाने की संभावना है क्योंकि अदालत ने पांच अगस्त के लिए उसके खिलाफ पेशी वारंट जारी कर दिया है। इन दोनों आरोपियों की ओर से उपस्थित वकील एम एस खान ने पुलिस की याचिका का यह कहते हुए विरोध किया कि पुलिस ने उनके मुवक्किलों से हिरासत में हुई पूछताछ के संदर्भ में कुछ नहीं कहा। खान ने फरार संदिग्ध आतंकी जावेद बलूची की पहचान पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि पुलिस ने दो अन्य आरोपियों मोहम्मद राशिद और मोहम्मद शाहिद के खिलाफ दायर आरोप पत्र में बलूची के बारे में कुछ नहीं कहा। कहा जा रहा है कि बलूची पाकिस्तान में है। उन्होंने कहा कि क्या जावेद बलूची नामक कोई व्यक्ति है पहले दायर आरोप पत्र में इस बारे में कोई बात नहीं की गई थी। बहरहाल, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रितेश सिंह ने पुलिस की याचिका को स्वीकार कर लिया और सुभान एवं असहबुददीन को 12 अगस्त तक के लिए हिरासत में भेज दिया। दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने सुभान को गत 20 मई को गिरफ्तार किया था और असहबुददीन को 27 मई को गिरफ्तार किया गया। पार्थ रॉय बर्मन के अपहरण के मामले में असहबुद्दीन उम्रकैद की सजा काट रहा है। वह सुभान का भतीजा है।

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