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लाखों अस्थायी कर्मचारियों को सरकार ने दी बड़ी सुविधा

doctor-shimla-562a6956ddb08_exlstदस्तक टाइम्स/एजेंसी- हिमाचल प्रदेश : हिमाचल के सभी दैनिक वेतनभोगी, पार्ट टाइम कर्मचारी, आंगनबाड़ी और मिड-डे मील वर्कर्स का परिवार सहित अब अस्पतालों में मुफ्त इलाज होगा। यह सुविधा सरकारी विभागों के अलावा बोर्डों, निगमों, सहकारी सभाओं और स्वायत्त संस्थाओं में तैनात लाखों कर्मचारियों को दी जाएगी। हिमाचल सरकार एक जनवरी 2016 से मुख्यमंत्री राज्य स्वास्थ्य सुरक्षा योजना को लागू करने जा रही है। इस योजना के तहत लाभ देने के लिए 31 अक्तूबर तक सभी विभागों से कर्मचारियों का फैमिली डाटा भी मांगा गया है।

राज्य सरकार के निर्देश पर सभी विभागाध्यक्षों, बोर्डों, निगमों, सहकारी सभाओं और अन्य स्वायत्त संस्थाओं के प्रमुखों को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की स्वास्थ्य बीमा योजना सोसाइटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने पत्र जारी किए हैं कि सभी पात्र कर्मचारियों का फैमिली डाटा एक निर्धारित प्रारूप पर सरकार को 31 अक्तूबर से पहले भेजा जाए।

हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि जो लोग राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत इसका कवर ले रहे हैं, उन्हें यह सुविधा नहीं मिलेगी। जब राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना की अवधि पूरी होगी तो ही इस योजना में कुछ श्रेणियों को कवर मिल सकता है। नई योजना में लाभ स्मार्ट कार्ड के माध्यम से ही देय होंगे। स्मार्ट कार्ड पांच साल के लिए लागू होंगे। नई योजना के तहत एकल नारियां, 80 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक भी आएंगे।

यह सुविधा देगी सरकार
– एक से पांच दिन तक अस्पताल में रहने पर प्री एंड पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन खर्च का न्यायोचित प्रावधान। इसमें 30 हजार रुपये का बेसिक पैकेज मिलेगा।
– 15 दिन से लेकर 60 दिन तक अस्पताल में उपचाराधीन होने पर भी खर्च का प्रावधान। इसमें क्रिटिकल केयर के लिए 1.75 लाख रुपये का पैकेज मिलेगा।
– अस्पताल के लिए एक विजिट पर सामान्य बीमारी की सूरत में 100 रुपये और गंभीर बीमारी पर 1000 रुपये तक का यातायात भत्ता भी दिया जाएगा।

इस नई योजना के तहत लाभार्थी कर्मचारी के परिवार के पांच सदस्यों को लाभ मिलेगा। इसके लिए कर्मचारी को खुद पांच सदस्यों का चयन करना होगा। इसे योजना का कवर लेने से पहले बताना होगा।

‘नई योजना के लिए विभागों, बोर्डों, सहकारी सभाओं, स्वायत्त संस्थाओं आदि से फैमिली डाटा 31 अक्तूबर से पहले मांगा गया है। यह योजना एक जनवरी 2016 से लागू होगी।’

 

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