लाखों भारतीय नौकरीपेशा कर रहे हैं US के ग्रीन कार्ड का इंतजार, ट्रंप लेंगे फैसला
ऐसे कई भारतीय हैं, जो ग्रीन कार्ड न मिलने की वजह से इन बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ के हालात तो ऐसे है कि उन्हें भारत लौटना पड़ सकता है। यूएस में काम करने वाले इंजीनियर गौरव मेहता का कहना है कि एच1 बी वीजा के दम पर रुकने और काम करने पर कभी-कभी ठेके पर काम करने वाला मजदूर जैसा महसूस होता है। मेहता के बेटे ने अमेरिका में ही जन्म लिया है, लेकिन फिर भी उन्हें कभी भी ये देश छोड़ना पड़ सकता है। मेहता ने कहा कि अगर कोई रास्ता नहीं निकला तो उन्हें भारत वापस लौटना ही पड़ेगा।
बुम्बर्ग में ई-कॉर्म्स स्टार्टअप के सीईओ गुरु हरीहरन ने कहा कि करीब 10 सालों से वो ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे हैं, ताकि अपनी खुद की कंपनी खोल सके। हरीहरन ने अमेजन और ईबेय जैसी ऑनलाइन कंपनियों में भी काम किया हुआ है।
बता दें कि अमेरिका हर साल लॉटरी सिस्टम की मदद से करीब 65 हजार लोगों को अपने देश में ठहरने की अनुमति देता है। साथ ही करीब 20 हजार ग्रेजुऐट स्टूडेंट्स वर्कर्स को ये वीजा बांटे जाते हैं।
भले ही डोनाल्ड ट्रंप वीजा को लेकर अड़ गए हो और उन्होंने इसकी समीक्षा का जिम्मा अपने मंत्रालय को सौंप दिया हो, लेकिन लाखों भारतीयों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है।
अमेरिका में एच1 बी वीजा के आधार पर नौकरी कर रहे लाखों ग्रीन कार्ड का लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस पर फिर से समीक्षा करने के आदेश देने के बाद उनकी और बढ़ गई हैं। बताया जा रहा है कि अमेरिका में करीब 1.5 मिलियन प्रवासी ग्रीन कार्ड की राह देख रहे हैं।