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नोटबंदी के बाद केंद्र सरकार आर्थिक सुधार की दिशा में एक और बड़ा कदम उठा सकती है. सबकुछ ठीक रहा तो सरकार कागज के नोट की तर्ज पर डिजिटल नोट(करेंसी) जारी कर सकती है. सूत्रों की मानें तो इस दिशा में तेजी से काम चल रहा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस संबंध में आर्थिक मामलों की सचिव की अगुवाई में बनी समिति ने अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी है. कमेटी ने अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट में इसपर अहम सिफारिशें की हैं.
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को डिजिटल नोट लॉन्च करने के बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए. सरकार को फिजिकल रुपये के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक नोट भी जारी करना चाहिए. इससे बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी से निपटने में सरकार को मदद मिलेगी.
आर्थिक मामलों की सचिव की अगुवाई में बनी समिति का कहना है कि डिजिटल नोट जारी करने और सर्कुलेशन पर आरबीआई का पूरा कंट्रोल होना चाहिए.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस रिपोर्ट पर वित्त मंत्रालय जल्द ही आरबीआई के साथ मीटिंग करेगा, और इसके बाद पीएमओ के साथ मिलकर इस पर बड़ा फैसला लिया जा सकता है.
दरअसल चलन में डिजिटल करेंसी के आने से कई तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे. सबसे पहले इससे कालाधन पर लगाम संभव है. मॉनिटरी पॉलिसी से लेकर कर्ज देने और मनी ट्रांजैक्शन के नियम भी बदल जाएंगे, साथ ही सिस्टम में पारदर्शिता आएगी.
कमेटी की मानें तो डिजिटल करेंसी को डिजिटल लेजर टेक्नॉलजी (डीएलटी) के तहत लागू किया जाना चाहिए, ताकि विदेश में भी लेन-देन का पता आसानी से लगाया जा सके. इसको लागू करते ही बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी को रखना आर्थिक अपराध घोषित कर देना चाहिए.
इसके अलावा कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि डिजिटल नोट 2 कैटेगरी में जारी किया जाना चाहिए. एक करेंसी पर ब्याज का प्रावधान हो दूसरे वाले केवल लेन-देन में इस्तेमाल हो.