लाखो सीरियाई शरणार्थियों की संपत्ति पर होगा सरकार का कब्जा
वर्षों से गृहयुद्ध मार झेल रहे सीरिया के पुर्ननिर्माण के लिए राष्ट्रपति बशर अल असद ने जो एक विवादित फैसला लिया था अब उसकी मियाद खत्म होने को है। इस फैसले के तहत सीरिया के लोगों को अपनी संपत्ति के दस्तावेज 30 दिन के भीतर पेश करने को कहा गया है। ऐसे में जो लोग इस समय अवधि में अपने प्रॉपर्टी के कागजात सरकार के समक्ष मुहैया नहीं करवा सकेंगे उनकी संपत्ति को सीज कर लिया जाएगा। असद के फैसले का सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर पड़ने वाला है जो लोग गृहयुद्ध की मार से बचने के लिए देश छोड़कर दूसरी जगहों पर बस चुके हैं। ऐसे में इन लोगों की वापसी का भी रास्ता बंद हो सकता है। इसके शिकार सरकार समर्थक भी होंगे। आपको बता दें कि तरह के नियमों को पहले इजरायल और लेबनान भी अपने यहां पर लागू कर चुके हैं।
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नकारात्मक साबित हो सकता है फैसला
जहां तक असद की बात है तो इस फैसले से वह उन लोगों को जो उनके समर्थक नहीं हैं और जो देश छोड़कर जा चुके हैं उन्हें स्थायीतौर पर देश निकाला दे देना चाहते हैं। असद का यह फैसला उन एक करोड़ सीरियाई नागरिकों पर के लिए नकारात्मक साबित हो सकता है जो देश छोड़ चुके हैं। इस फैसले के साथ ही असद इस बात को मान चुके हैं कि जिन्होंने देश छोड़ने का कदम उठाया है वह उनके समर्थक नहीं थे लिहाजा उन्हें अब वापस आने की जरूरत नहीं है। असद के नए फैसले के साथ स्थानीय प्रशासन को इस काम को करने का जिम्मा सौंपा गया है। इसके लिए सख्त दिशा निर्देश दिए गए हैं कि प्रॉपर्टी के पेपर्स के साथ मालिक का अधिकारी के सामने आना अनिवार्य होगा।
असद के इस फैसले पर कारनेज मिडिल ईस्ट सेंटर की डायरेक्टर महा याहया का कहना है कि गृहयुद्ध के चलते सीरिया में लाखों लोग बेघर हुए हैं। ऐसे में सीरिया में रह रहे लोगों के पास भी प्रॉपर्टी के दस्तावेज का होना काफी मुश्किल होगा। उनका कहना है कि असद का फैसला लगभग नामुकिन टास्क है। उनका कहना है कि शरणार्थियों के लिए तो यह पूरी तरह से नामुमकिन होगा कि वह इस तरह के दस्तावेज सरकार के समक्ष पेश कर सकें। जहां एक तरफ यूरोपीयन यूनियन इस फैसले की आलोचना कर रही है वहीं सीरियाई समर्थक इसको देश के पुर्ननिर्माण की कवायद बताने पर तुले हैं। याहया का कहना है कि सीरिया का हल फिलहाल वहां चुनाव से भी नहीं होने वाला है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि वहा पर निष्पक्ष और ईमानदारी से चुनाव कराने या होने की कोई गारंटी नहीं है।