नई दिल्ली: वन रैंक वन पेंशन योजना को लेकर को लेकर रक्षा मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू हो गई है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में तीनों सेना प्रमुख मौजूद है। रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व सैनिकों के लिए वन रैंक, वन पेंशन का ऐलान करते हुए कहा कि– हमने अपना वादा पूरा किया।- OROP के लिए 8-10 हजार करोड़ का खर्च।- 40 साल से पेंडिंग में था OROP।- 1 जुलाई 2014 से लागू होगी वन रैंक वन पेंशन योजना।- छमाही किश्तों में होगा एरियर का भुगतान।- VRS लेने वाले OROP से बाहर होंगे।- OROP शहीद की विधवाओं को सालाना एरियर।- वन रैंक वन पेंशन पर समय के मुताबिक बजट बढ़ाया जाएगा।- OROP समान पद समान कार्यकाल पर समान पेंशन।- OROP 2013 को OROP के लिए आधार वर्ष माना जाएगा, हर 5 साल पर होगी समीक्षा।- OROP 1सदस्यीय न्यायिक समिति 6 महीने में देगी अन्य सेवा शर्तों पर रिपोर्ट।वन रैंक वन पेंशन पर पूर्व सैनिकों ने बयान दिया है कि वे सरकार के ‘वन रैंक वन पेंशन’ से संतुष्ट है। हालांकि, पूर्व सैनिक सतबीर सिंह ने कहा कि वीआरएस(VRS) मामले पर उन्हें सरकार के प्रस्ताव पर एतराज है और वे इस पर सरकार से स्पष्टीकरण मांगेंगे। VRS वालों पर सरकार 5 लोगों की कमेटी बनाए। VRS लेने वालों को OROP से बाहर रखना उन्हें मंजूर नहीं है।क्या है OROP?1980 के दशक में वन रैंक वन पेंशन को लेकर मुहिम शुरू हुई जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सहमति भी जताई। लेकिन फिर भी ये अपने अंजाम तक नहीं पहुंच पाई थी। मौजूदा व्यवस्था के मुताबिक अगर कोई जवान एक जनवरी 1996 से पहले रिटायर हुआतो उसे हर महीने 3764 रुपए पेंशन मिलती है, लेकिन अब अगर कोई जवान रिटायर होता है तो उसकी पेंशन 6860 रुपए मिलती है। चुनावी साल में यूपीए सरकार ने इस मांग को मान लिया था और जिसके बाद तय हुआ था कि साल 2006 से पहले रिटायर सैनिकों को 2006 के बाद रिटायर होने वाले सैनिकों के बराबर पेंशन मिलेगी।