पटना : आर्थिक तौर पर कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले का विरोध करने वाली आरजेडी ने अपने पुराने रुख से यूटर्न ले लिया है। सदन में इस आरक्षण से जुड़े बिल के खिलाफ वोटिंग करने वाले राष्ट्रीय जनता दल के उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने बुधवार को कहा कि संसद में बिल के खिलाफ वोट देना गलती थी। उनके मुताबिक, पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि आरजेडी अगड़ी जाति के गरीबों के आरक्षण की विरोधी नहीं है। सिंह के मुताबिक, आरजेडी बिहार में कांग्रेस के साथ गठबंधन में लोकसभा चुनाव लड़ेगी और यूपीए के नेता का चुनाव नतीजों के बाद लिया जाएगा। ईडब्ल्यूएस कोटा बिल पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सिंह ने कहा, लालू प्रसाद ने मुझसे कहा कि वह अगड़ी जाति के गरीबों को रिजर्वेशन देने के विरोधी नहीं हैं। पार्टी ने हमेशा गरीबों के लिए काम किया है। हमारा स्टैंड ओबीसी, ईबीसी और दलित वर्ग के लिए उनकी आबादी के हिसाब से आरक्षण बढ़ाना था। संसद में कोटा बिल का समर्थन न करना गलती थी। चूक तो हुई है। सिंह का यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया है, जब एनडीए के घटक दलों ने आरजेडी के इस स्टैंड को लेकर उस पर हमला बोला था।
केंद्रीय मंत्री और लोकजनशक्ति पार्टी के प्रमुख रामविलास पासवान ने पूछा था कि आरजेडी के सवर्ण नेताओं मसलन रघुवंश प्रसाद सिंह चुनाव प्रचार के दौरान अगड़ी जाति के वोटरों का सामना कैसे करेंगे? गौरतलब है कि सिंह को आरजेडी की ओर से वैशाली लोकसभा सीट से मैदान में उतारा जा सकता है। बिहार में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने सिंह की टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, आरजेडी सूत्रों का कहना है कि पार्टी को संतुलन साधना होगा क्योंकि आरजेडी लोकसभा चुनावों में कुछ अगड़ी जाति के प्रत्याशियों को मैदान में उतारेगी। उधर, रघुवंश प्रसाद सिंह ने उन अटकलों को खारिज किया, जिनमें कांग्रेस के साथ पार्टी के रिश्तों में खटास की बात कही गई थी। गौरतलब है कि हाल ही में यूपी में सपा और बसपा ने गठबंधन का ऐलान तो किया लेकिन कांग्रेस को इससे दूर रखा। वही, तेजस्वी यादव ने एसपी प्रमुख अखिलेश यादव और बीएसपी सुप्रीमो मायावती से मुलाकात की थी। रघुवंश ने साफ किया कि उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ ही चुनाव लड़ेगी।