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लालू को लगा दोहरा झटका, चारा घोटाले में लालू यादव को खुद जाना पड़ेगा जेल

रलवे टेंडर घोटाले में लालू समेत 12 लोगों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने चार्जशीट दायर की है। इससे पहले रांची हाईकोर्ट ने उनकी औपबंधिक जमानत याचिका को खारिज कर दिया और साथ ही 30 अगस्त को सरेंडर करने आदेश दिया। बता दें कि रांची हाईकोर्ट ने उनकी औपबंधिक जमानत याचिका को खारिज कर दिया। और साथ ही 30 अगस्त को सरेंडर करने आदेश दिया है। सुनवाई जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की कोर्ट में हो रही थी। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने लालू यादव की ओर से पक्ष रखा और जमानत अवधि को बढ़ाने का आग्रह किया लेकिन कोर्ट ने इसे ठुकरा दिया।
लालू को लगा दोहरा झटका, चारा घोटाले में लालू यादव को खुद जाना पड़ेगा जेल
इससे पहले 17 अगस्त को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने लालू प्रसाद की जमानत की अवधि को 27 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया था। सुनवाई के दौरान आरजेडी सुप्रीमो के अधिवक्ता ने कोर्ट को जानकारी दी कि वे पूर्णतया स्वस्थ नहीं हुए हैं, इसलिए उनकी जमानत की अवधि को 3 माह के लिए बढ़ा दिया जाए। लेकिन कोर्ट ने 20 से 27 अगस्त के बीच मात्र सात दिन के लिए अवधि बढ़ाई। 

बता दें कि स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए लालू प्रसाद की ओर से जमानत अवधि को तीन महीने बढ़ाने की मांग पिछली कुछ सुनवाई से हो रही है। इससे पहले हाईकोर्ट ने उनकी जमानत की अवधि को 6 हफ्ते के लिए बढ़ा दिया था। ये अवधि 15 अगस्त को खत्म हो गई थी।
 

वहीं रलवे टेंडर घोटाले में लालू का परिवार फंस गया है। प्रवर्तन निदेशालय ने लालू समेत 12 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। इससे पहले सीबीआई ने राजद अध्यक्ष व पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी व पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, बेटे व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, प्रेम गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता, होटल चाणक्य के मालिक विजय कोचर और विनय कोचर, आईआरसीटीसी के मैनेजिंग डायरेक्टर पीके गोयल, आईआरसीटीसी के डायरेक्टर राकेश सक्सेना, जनरल मैनेजर बीके अग्रवाल और लालू के करीबी रहे प्रेम गुप्ता समेत 14 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था। 

साल 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव ने रेलवे के पुरी और रांची स्थित बीएनआर होटल के रखरखाव आदि के लिए आईआरसीटीसी को स्थानांतरित किया था। सीबीआई के मुताबिक, नियम-कानून को ताक पर रखते हुए रेलवे का यह टेंडर विनय कोचर की कंपनी मेसर्स सुजाता होटल्स को दे दिए गए थे। आरोप के मुताबिक, टेंडर दिए जाने के बदले 25 फरवरी, 2005 को कोचर बंधुओं ने पटना के बेली रोड स्थित तीन एकड़ जमीन सरला गुप्ता की कंपनी मेसर्स डिलाइट मार्केटिंग कंपनी लिमिटेड को बेच दी, जबकि बाजार में उसकी कीमत ज्यादा थी।

जानकारी के मुताबिक, इस जमीन को कृषि जमीन बताकर सर्कल रेट से काफी कम पर बेच कर स्टांप ड्यूटी में गड़बड़ी की गई। बाद में 2010 से 2014 के बीच यह बेनामी संपत्ति लालू प्रसाद की पारिवारिक कंपनी लारा प्रोजेक्ट को सिर्फ 65 लाख रुपए में ही दे दी गई, जबकि उस समय बाजार में इसकी कीमत करीब 94 करोड़ रुपए थी। मालूम हो कि सुशील मोदी ने आरोप लगाया था कि इस जमीन पर पटना का सबसे बड़ा शॉपिंग मॉल बनाया जा रहा है।

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