रांची (एजेंसी)। चारा घोटाले के दोषी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद 76 दिनों जेल में रहने के बाद सोमवार को जमानत पर रिहा हो गए। सर्वोच्च न्यायालय ने 13 दिसंबर को लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला मामले में राहत देते हुए जमानत पर छोड़ने का आदेश दिया था। अदालत ने हालांकि छह वर्षों तक उनके चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है। लालू प्रसाद ने झारखंड उच्च न्यायालय के 31 अक्टूबर के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। चारा घोटाला के इस मामले के 44 आरोपियों में से 37 को पहले ही जमानत मिल चुकी है और छह अन्य की अर्जी निचली अदालत में विचाराधीन है। लालू प्रसाद को रांची स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अदालत ने चारा घोटाला मामले में 3० सितंबर को दोषी करार दिया था और तीन अक्टूबर को पांच वर्ष कैद की सजा सुनाई थी। उन पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी किया गया था। निचली अदालत ने उनके अलावा बिहार के एक और पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र और 42 अन्य को वर्ष 1994-95 में चाइबासा कोषागार से 37.7 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मामले में सजा दी है। यह मामला अविभाजित बिहार का है और निकासी मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल में की गई। लालू प्रसाद के खिलाफ चारा घोटाले के चार अन्य मामलों में रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में सुनवाई चल रही है।