नई दिल्ली। 70वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तीसरी बार लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम ने देशवासियों को 70वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि हमने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का निरंतर प्रयास किया है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने बलूचिस्तान, गिलगित और पाक अधिकृत कश्मीर(पीओके) के लोगों का उनके लिए जताई गई सद्भावना के लिए धन्यवाद दिया। यह पहली बार है जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने लाल किले से पीओके और बलूचिस्तान का जिक्र किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी पड़ोसी देश साथ मिलकर गरीबी से लड़ें, गरीबी से आजादी से बड़ी आजादी कोई और नहीं हो सकती। पेशावर के स्कूल में हुई आतंकी घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उस दौरान भारत की संसद से लेकर देश के लोगों की आंखों में आंसू थे। ये ही हमारी मानवता से पली-बढ़ी संस्कृति हैं, जो सभी का दर्द समझती है। लेकिन कुछ जगह आतंकवादी घटनाओं में लोगों के मारे जाने पर जश्न मनाया जाता है। उन्होंने कहा ये देश आतंकवाद और माओवाद को कभी सहन नहीं करेगा।
पीएम के भाषण के मुख्य बिंदु-
– वेद से विवेकानंद तक, सुदर्शनधारी मोहन से लेकर चरखाधारी मोहन तक, महाभारत के भीम से लेकर भीमराव तक हमारी एक लंबी विरासत है।
– सवा सौ करोड़ देशवासियों को सुराज्य के संकल्प को आगे बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ना होगा। एक भारत श्रेष्ठ भारत का सपना पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए।
– क्रांतिकारियों के बलिदान से स्वराज मिला।
– भारत के पास लाखों समस्याएं हैं, तो सवा सौ करोड़ मस्तिष्क भी हैं, जो उनका समाधान करने की क्षमता रखती हैं।
– ये देश आतंकवाद और माओवाद को कभी सहन नहीं करेगा।
– जो समाज बंटता है वह टिक नहीं सकता।
– अब सरकार आक्षेपों से घिरी हुई नहीं है, अपेक्षाओं से घिरी हुई है।
– आज सरकार के सभी बड़े अस्पतालों में ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन होते हैं और पूरा मेडिकल रिकॉर्ड ऑनलाईन उपलब्ध होता है।
– शासन संवेदनशील होना चाहिए, शासन उत्तरदायी होना चाहिए।
– पहले पासपोर्ट पाने के लिए अगर सिफारिश नहीं है तो चार-छह महीने यूं ही चले जाते थे। आज हफ्ते-दो हफ्ते में पासपोर्ट पहुंचा दिया जाता है।
– सुराज्य के लिए सुशासन भी जरूरी है। अब ग्रुप सी और ग्रुप डी के 9000 पदों पर इंटरव्यू की प्रक्रिया नहीं होगी। सिफारिश की जरूरत नहीं होगी।
– हमें अपने काम की रफ्तार को तेज करना होगा। गति को और आगे बढ़ाना होगा।
– पहले 30-35 हजार किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइन डाली जाती थी। आज इस काम को हमने करीब 50 हजार किलोमीटर तक पहुंचाया है।
– सामान्य व्यक्ति देश की अर्थव्यवस्था की मुख्य धारा का हिस्सा नहीं था। हमने 21 करोड़ लोगों को जनधन से जोड़कर असंभव को संभव किया।
– साढ़े तीन सौ रुपये में बिकने वाले एलईडी बल्व, सरकार के हस्तक्षेप से आज 50 रुपये में बांटे जा रहे हैं।
– हमने जमीन की सेहत पर ध्यान दिया। हमने स्वाइल हेल्थ कार्ड और जल प्रबंधन पर बल दिया है।
– साढ़े सात लाख करोड़ रुपये के पिछली सरकारों के प्रोजेक्ट जो रुके हुए थे, मैंने कहा कि इनको पूरा करो।
– जब नीति साफ हो, नीयत स्पष्ट हो, तब निर्णय करने का जज्बा भी कुछ और होता है। हमारी सरकार लास्टमैन डिलीवरी पर बल दे रही है।
– हमने आधार को सरकारी योजनाओं से जोड़ा, बिचौलियों को बाहर किया और बचे हुए पैसे जरूरतमंद के खातों तक पहुंचाने का काम किया।
– हम अपने देश में कितनी ही प्रगति करें, लेकिन हमें इसके साथ-साथ हमें अपने देश को वैश्विक मानकों पर खरा उतारना पड़ेगा।
– आज जो सामाजिक तनाव देखते हैं, उसमें रामानुजाचार्य का संदेश महत्वपूर्ण है। हमारे सभी महापुरुषों से सामाजिक एकता की बात की।
– सशक्त हिंदुस्तान, सशक्त समाज के बिना नहीं बन सकता और सशक्त समाज का निर्माण होता है, सामाजिक न्याय के आधार पर।
– निजी कंपनियों में कामकाजी महिलाओं को 26 हफ्ते का मातृत्व अवकाश मिलेगा। महिलाओं के लिए बीमा योजना की पहल हमारी सरकार ने की।
– जाति की वजह से किसी का अपमान नहीं करें, सामाजिक न्याय पर जोर सबका दायित्व।
– बिजली को लेकर वन नेशन, वन ग्रिड, वन प्राइस किया।
– किसानों-मजदूरों को हमारी सरकार ने यूएएन नंबर दिया।
– काम का दायरा जितना बढ़ेगा, रोजगार की संभावना उतनी बढ़ेंगी। हम इसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
– युवाओं को अवसर मिले, युवाओं को रोजगार मिले, ये हमारे लिए समय की मांग है।
इससे पहले पीएम ने राजघाट पहुंच कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। लाल किला और इसके आसपास के इलाकों में आसमान से लेकर जमीन तक अभूतपूर्व सुरक्षा घेरा लगाया गया। इसके साथ ही समूचे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पैनी नजर रखी जा रही है।इससे पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर देश को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामना दी।
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक लाल किले के आस-पास सुरक्षा चाक-चौबंद सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली पुलिस हजारों सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया। इस आयोजन में वरिष्ठ मंत्री, शीर्ष नौकरशाह, विदेशी गणमान्य व्यक्ति और आम लोग उपस्थित थे