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लॉकडाउन के दौरान पहली बार फ्लाइट से मजदूरों की घर वापसी, मुम्बई से झारखंड लाये गये 180 श्रमिक

रांची : कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन के बाद घर वापसी को लेकर मजदूर पैदल, साइकिल से, बसों-ट्रकों से और सरकार के फैसले के बार श्रमिक ट्रेनों से लौटे लेकिन अब देश में पहली बार सरकार मजदूरों को फ्लाइट से वापस लेकर आई है। ये कदम झारखंड के मजदूरों के लिए उठाया है। दरअसल, कोरोना वायरस संकट के इस दौर में बेंगलूरु नेशनल लॉ स्कूल के एलुमनाई ने सामाजिक सरोकार का अच्छा उदाहरण पेश कर सबको चौंका दिया है।

दरअसल, एनएलएस के छात्रों ने झारखंड के 180 प्रवासी मजदूरों को मुंबई से रांची एयर एशिया की फ्लाइट से भेजकर मानव सेवा का मिसाल पेश की है। दरअसल ये श्रमिक झारखंड के थे जो मुंबई में फंसे हुए थे। उन्हें आज एयर एशिया की फ्लाइट से सुबह 8:15 बजे रांची लाया गया। मजदूरों को प्लेन से घर वापस लाने के लिए झारखंड सरकार ने केंद्र से अनुमति ली थी।

श्रमिकों की घर वापसी में झारखंड सरकार की मदद के लिए एलुमनाई नेटवर्क ऑफ नेशनल लॉ स्कूल बेंगलुरु भी आगे आए थे। ऐसे में सीएम हेमंत सोरेन ने उनके प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता में मजदूरों की सकुशल घर वापसी कराना है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बताया कि सरकार जल्द ही लद्दाख और अंडमान निकोबार में फंसे मजदूरों को भी घर वापस लाएगी। उनके लिए भी फ्लाइट्स भेजे जाएंगे, इसके लिए व्यवस्था की जा रही है।

मुंबई में फंसे झारखंड के श्रमिकों को वापस लाने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार से अनुमति मांगी थी। केन्द्र ने हवाई जहाज से मजदूरों को लाने की स्वीकृति दी थी। इसी के बाद 180 मजदूरों को एयर एशिया के विमान से रांची लाया गया। राज्य के श्रममंत्री सत्यानंद भोक्ता ने बताया कि अब तक दो लाख प्रवासी झारखंड आ चुके हैं। जो भी मजदूर यहां आ रहे हैं, उन्हें सरकार की ओर से रोजगार मुहैया कराया जाएगा।

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