लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए प्रशासन ने सडकों पर बहाया पसीना
पुखरायां कानपुर देहात। कोविड 19 जैसी वैश्विक महामारी को काबू में करने के लिए स्वयं देश के प्रधानमंत्री को लोगों से सहयोग की आशा करते हुए इस बीमारी के फैलाव को रोकने के लिए 21 दिन का पूर्ण लॉक टाउन घोषित कर दिया गया। किंतु अभी भी समाज में नासमझ लोगों की कमी नहीं है और वह इसकी गंभीरता को नहीं आंक पा रहे हैं। ऐसे ही चंद ,पढ़े लिखे परंतु नासमझ लोग इस महामारी के परिणाम से अनजान रहकर इतने दिशानिर्देशों आरजू मिन्नतों के बाद भी सड़कों पर निकलने से बाज नहीं आ रहे हैं। पढ़े लिखे लोग जब इस तरीके की हरकत करते हैं तो फिर उन लोगों को क्या कहेंगे जो इसके परिणाम व स्वभाव से पूरी तरह अभी भी अनजान है।
चंद ऐसे ही लोगों को सबक सिखाने के लिए प्रशासनिक सख्ती की भी बहुत आवश्यकता रहती है। लॉकडाउन में प्रात: 7.00 बजे से 11.00 बजे तक आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी करने हेतु दी गई छूट का लोगों ने नाजायज फायदा उठाया। भोगनीपुर तहसील के व्यस्ततम कस्बे में पुखरायां में हालांकि प्रशासन की सख्ती के कारण दुकानें तो नहीं खुली किंतु आस-पड़ोस के ग्रामीण क्षेत्रों से दोपहिया वाहनों के द्वारा युवकों का पूर्वान्ह में आगमन बना रहा। हालांकि साप्ताहिक बाजार का दिन होने के कारण भी लोग बाग अपने अपने घरों के लिए साग सब्जी इत्यादि खरीदने के लिए बाजार में निकल पड़े।
उमड़ती भीड़ और बिगड़ती व्यवस्था को देखते हुए स्वयं उप जिलाधिकारी राजीव राज ने पुलिस उपाधीक्षक आशा पाल सिंह के साथ कमान संभाली और अपनी टीम को दो टोलियों में विभाजित कर निकल पड़े सड़कों पर। एक टोली का नेतृत्व करते हुए एसडीएम सीओ उसमें शामिल पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी रामअचल कुरील के साथ स्थानीय पुलिस चौकी का फोर्स रहा । वहीं दूसरी टोली में कोतवाल चंद्रशेखर दुबे के साथ तहसीलदार रामशंकर ने व्यवस्था संभाली।
प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा संपूर्ण कस्बे में पैदल भ्रमण करते हुए अनावश्यक रूप से बाहर घूम रहे लोगों को आरजू मिन्नतों के साथ-साथ डांट डपट कर घरों के अंदर रहने का निर्देश दिया गया। वही दो पहिया वाहन से घूम रहे युवाओं की बाइकें खड़ी करा ली गई। इस प्रकार अधिकारियों ने लगभग 3 घंटे पसीना बहाकर कस्बे को पूर्णत: लॉकडाउन कराया। वहीं स्थानीय मंडी समिति में साग सब्जी की दुकानें लगाए लोगों को निर्देशित किया गया कि आवश्यक वस्तुओं की बिक्री में साग सब्जी की दुकान 11.00 बजे के बाद बंद हो जानी चाहिए तथा सड़कों पर अनावश्यक रूप से एक भी आदमी घूमता टहलता ना दिखे। वहीं मेडिकल स्टोर्स के संचालकों को भी निर्देशित किया गया कि विक्रेता के रूप में केवल एक व्यक्ति ही दुकान पर रुके और किसी भी स्थिति में दुकान पर चार आदमियों से ज्यादा भीड़ इक_ी ना हो पाए। हालांकि इस क्रम में दूरदराज से बीमार लोगों को सहूलियत देते हुए स्वयं एसडीएम ने अपने दिशा निर्देशों में अस्पताल भिजवाया।
इसी के साथ ही व्यापारियों तथा फल विक्रेताओं को दूरभाष पर लॉकडाउन संबंधी दिशानिर्देशों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए उनसे इस अभियान में पूरी तरह सहयोग करने को कहा गया। दोपहर बाद कस्बे का बाजार एकदम सन्नाटे में डूब गया। समाचार पत्र को जानकारी देते हुए एसडीएम व सीओ ने बताया कि शासन के दिशा निर्देशों के आधार पर उनके द्वारा लॉक डाउन संबंधी कार्रवाई पूरी कराई जा रही है तथा प्रशासन कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए पूरी तरह कमर कसे हुए हैं । वर्तमान स्थिति को देखते हुए ऐसा लगता है की भोगनीपुर तहसील के कस्बे पुखराया तथा आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में लॉकडाउन पूरी तरह सफल रहेगा और यह भी उम्मीद जताई जाती है कि अगर ऐसी ही स्थिति बनी रही तो संक्रमण का प्रभाव अंत व अन्य व्यक्ति तक नहीं पहुंचेगा तथा संक्रमण की श्रृंखला टूट जाएगी। इससे हम इस महामारी पर नियंत्रण कर सकेगे।
हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कस्बे में पैदल भ्रमण के दौरान दो पहिया व चार पहिया वाहन चालकों को सख्ती के साथ हिदायत देते हुए दोबारा घरों से बाहर न निकलने की सख्त ताकीद की गई। इसी क्रम में मुख्य मार्ग से गुजर रहे एक ट्रक को देखकर तथा उसमें बैठे करीब पन्द्रह लोगों को देखकर उप जिलाधिकारी राजीव राज का पारा चढ़ गया। उन्होंने दौड़ कर गाडी को रोकजे हुये चालक सहित सभी लोगों को नीचे उतारा और सख्त ताकीद करते हुए उन्हें वापस अपने अपने घरों को लौट लौट जाने के लिए कहा गया।
इस पर सवार लोगों ने बताया कि वह रेलवे में काम कर रहे ठेकेदार के मजदूर हैं और उन्हें काम करने के लिए बुलाया गया है। जिस पर एसडीएम ने सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए उन सबको घरों की ओर लौटा दिया। जिस पर उसी ट्रक में सवार एक रेलवे के इंजीनियर द्वारा बहस करने पर उसको भी सख्ती से डांट पिलाई। साथ चल रहे दैनिक सत्ताएक्सप्रेस के ब्यूरो चीफ को उन्होंने बताया की लॉकडाउन मतलब पूर्णत: बंदी ऐसे में इतने सारे मजदूरों का एक साथ सवार होकर जाना निषेधाज्ञा का उल्लंघन भी है और स्वयं इनकी तथा आमजन की सेहत के प्रति खिलवाड़ को प्रदर्शित करता है। उन्होंने बताया कि ऐसी लापरवाही किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं की जाएगी और पुन: इस प्रकार किसी को दिखाई देने पर सख्त कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।