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लॉ छात्रों से पूछा प्रश्न- क्या हिंदू के सामने मुस्लिम का गाय को मारना अपराध?

“अगर अहमद एक मुस्लिम है और वह बाजार में रोहित, तुषार और मानव (जो हिंदू हैं) के सामने एक गाय को मारता है तो क्या अहमद ने कोई अपराध किया है”? ये सवाल हम नहीं पूछ रहे हैं बल्कि एक परीक्षा में पूछा गया है. जिसके बाद इस विवादित सवाल पर छात्रों के बीच गुस्सा है.

लॉ छात्रों से पूछा प्रश्न- क्या हिंदू के सामने मुस्लिम का गाय को मारना अपराध?दअसरल ये सवाल गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (GGSIPU) के लॉ छात्रों से तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा में पूछा गया था.  ये सवाल 7 दिसंबर को आयोजित की गई ‘लॉ ऑफ क्राइम पेपर-1’ में पूछा गया था. 3 घंटे की ये परीक्षा कुल 75  नंबर की थी जिसमें 25 नंबर का ये सवाल था.  जैसे ही सोशल मीडिया पर इस सवाल को शेयर किया गया तो विश्वविद्यालय ने इसपर खेद व्यक्त करते हुए इसे तुरंत हटाने का फैसला किया. साथ ही कहा गया छात्र इस सवाल का जवाब नहीं देंगे.

बता दें, दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को जैसे की इस बात की खबर लगी तो उन्होंने मामले की जांच का आदेश दे दिए. साथ ही उन्होंने अपना गुस्सा जाहिए करते हुए कहा- ” ये विचित्र है, इस तरह के सवाल पूछे जाने से ऐसा लग रहा है जैसे समाज को परेशान किया जा रहा है’, उन्होंने कहा मैंने जांच के आदेश दे दिए हैं, जांच पूरी होने तक जैसे ही कोई सच सामने आता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाही की जाएगी. साथ ही उन्होंने हायर एजुकेशन सेक्रटरी को लिखा- किसी भी परीक्षा में सांप्रदायिक सवाल कैसे पूछा जा सकता है? उन्होंने इस मामले की जांच की रिपोर्ट 5 दिन के भीतर जमा करवाने के लिए कहा है.

बता दें, सुप्रीम कोर्ट के वकील बिलाल अनवर खान ने रविवार (9 दिसंबर) की रात ट्विटर पर इस सवाल को पोस्ट किया और लिखा- ये एक सामान्य सवाल, एक संपूर्ण समुदाय को अ-मानवीय बनाना है. ये सवाल नरेला, एनसीआर के लॉ कॉलेज में आयोजित परीक्षा के तीसरे सेमेस्टर में पूछा गया है. बता दें, जिस कॉलेज का जिक्र खान कर रहे हैं वह चंद्र प्रभु जैन (सीपीजे) कॉलेज ऑफ हायर स्टडीज एंड नरेला में स्कूल ऑफ लॉ है, जो जीजीएसआईपीयू से एफिलेटेड है.

वहीं खान ने आगे लिखा- इस मामले के बारे में विश्वविद्यालय और कॉलेज को लिखा था, लेकिन अभी तक को रिस्पांस नहीं आया. अपने ईमेल में उन्होंने लिखा- “जो सवाल पूछा गया है वह विशेष रूप से वर्ग और समुदाय के खिलाफ और अपमानजनक है.  इस तरह का सवाल स्पष्ट रूप से एक समुदाय को अपमानित करता है जो भारत के संविधान की भावना और समानाधिकारवादी के खिलाफ है … कृपया इस तरह के विवादित सवाल पर उचित कार्रवाई की जाए”.

प्रिंसिपल ने कहा- सवाल सही,  उत्पन्न  हो सकती है ऐसी स्थिति

सीपीजे कॉलेज में स्कूल ऑफ लॉ के प्रिंसिपल नीता बेरी का कहा हैा कि विश्वविद्यालय ने प्रश्न-पत्र बनाया था, मैं छुट्टी पर थी और पेपर से आए सवालों के बारे कोई जानकारी नहीं है. वहीं उन्होंने आगे कहा- मुझे नहीं लगता है कि इस सवाल के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत है. क्योंकि ये एक लॉ का सवाल है और कानून में कोई भी स्थिति उत्पन्न हो सकती है और अदालत से इसके बारे में फैसला लेने के लिए कहा जा सकता है.

वहीं जीजीएसआईपीयू के परीक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि पेपर को अत्यंत गोपनीयता में तैयार किया गया था. यहां तक उन्होंने एग्जामिनर का नाम तक जारी नहीं किया था. समाज में जो रहा है उस आधार पर ही सवाल पूछा गया है. वहीं उन्होंने आगे कहा-  छात्रों से इस तरह के सवाल पूछना अच्छी बात है ताकि वे समाज के तथ्यों के साथ कानूनी प्रावधान को सहसंबंधित को अच्छे से समझ सके. इस सवाल को केवल अकादमिक पर्सपेक्टिव के तौर पर ही देखा जाना चाहिए.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार जीजीएसआईपीयू रजिस्ट्रार सतनाम सिंह ने  कहा- ” विश्वविद्यालय ने गाय पर पूछे गए सवाल पर खेद व्यक्त किया है. इस सवाल को आप किसी भी धर्म से कनेक्ट नहीं कर सकते. हालांकि ये बुरा सवाल है. हमें सवाल पर अफसोस है, और अभी तक सवाल डिलीट कर दिया गया है. वहीं इस सवाल पर कोई नंबर भी नहीं है. चाहे किसी छात्र ने इस सवाल का जवाब दिया है या नहीं. वहीं आगे उन्होंने कहा कि भविष्य में, हम एग्जामिनर को भी सलाह देंगे कि ऐसे प्रश्नों के साथ प्रशन-पत्र तैयार न करें.

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