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लॉ स्टूडेंट के, याचिका पर SC ने दिया आदेश, अब अदालतों की कार्यवाही का सीधा प्रसारण होगा


नई दिल्ली : जोधपुर में कानून की पढ़ाई करने वाले छात्र “स्वप्निल त्रिपाठी” की एक याचिका ने सुप्रीम कोर्ट में इतिहास कायम कर दिया| सुप्रीम कोर्ट ने अदालतों में सुनवाई के सीधा प्रसारण का आदेश दे दिया| यह आदेश जब लागू होगा तो संसद के दोनों सदनों की तरह अदालतों का भी सीधा प्रसारण संभव होगा| अदालती कार्यवाही के सीधा प्रसारण का मकसद पारदर्शिता से जुड़ा है| लंबे समय से इसकी जरूरत महसूस की जा रही थी| सीधा प्रसारण संभव होने के बाद पूरी प्रक्रिया को जनता घर बैठे देख सकती है| मसलन जज कैसे सुनवाई करते हैं, वादी-प्रतिवादी पक्ष से कैसे सवाल-जवाब होते हैं, वकील कैसे तर्क देते हैं| इस प्रकार अभी तक वादी-प्रतिवादी आदि पक्षों की मौजूदगी में बंद कमरे में होने वाली सुनवाई को उसी समय “रियल टाइम” जनता भी ऑनलाइन देख सकेंगी| एक प्रकार से यह ओपेन कोर्ट जैसी व्यवस्था होगी| हालांकि अभी आदेश हुआ है, इसका पालन की व्यवस्था बननी है| मगर अदालतों की लाइव स्ट्रीमिंग को न्यापालिका में पारदर्शिता की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है| अदालतों की लाइव स्ट्रीमिंग पर आए फैसले के पीछे कानून के छात्र स्वप्निल त्रिपाठी की अहम भूमिका रही| नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, से लॉ ऑनर्स में अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहे, स्वप्निल त्रिपाठी ने इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था |स्वप्निलthebasicstructureconlaw.wordpress.com नामक ब्लॉग भी चलाते हैं| जिस पर कानून से जुडे अहम मुद्दों पर कलम चलाकर विचार बयां करते हैं| स्वप्निल अदालतों में इंटर्न के फैसलों पर लगे बैन को भी चुनौती दे चुके हैं| स्वप्निल की याचिका पर जनहित और राष्ट्रीय महत्व से जुड़े मामलों की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग का आदेश हुआ| स्वप्निल के साथ वरिष्ठ वकील इंदिरा जय सिंह ने भी लाइव-स्ट्रीमिंग को लेकर याचिका दायर कर रखी थी| इन याचिकाओं की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लाइव स्ट्रीमिंग फेज में लागू की जाएगी और इससे न्यायिक व्यवस्था में जवाबदेही बढ़ेगी| कोर्ट ने कहा कि इसके लिए नियम कायदे तय होंगे| हालांकि कोर्ट ने आरक्षण और अयोध्‍या जैसे संवेदनशील मामलों की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग करने की इजाजत नहीं दी है| यह फैसला सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच ने बुधवार को फैसला सुनाया है| पीठ में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ शामिल हैं| बता दें कि इस 24 अगस्त को राष्ट्रीय महत्व के मामलों में अदालत की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था| कोर्ट ने कहा कि लाइव स्ट्रीमिंग से पारदर्शिता बढ़ेगी और ये ओपन कोर्ट का सही सिद्धांत होगा| जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने कहा कि हम खुली अदालत को लागू कर रहे हैं| ये तकनीक के दिन हैं , हमें पॉजीटिव सोचना चाहिए और देखना चाहिए कि दुनिया कहां जा रही है| कोर्ट में जो सुनवाई होती है, वेबसाइट उसे कुछ देर बाद ही बताती है| इसमें कोर्ट की टिप्पणी भी होती हैं| साफ है कि तकनीक उपलब्ध है| हमें इसका इस्तेमाल करना चाहिए|

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