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लोकतंत्र में किसी को डरने की जरूरत नहीं…

मुंबई (एजेंसी) राखी सावंत ने कहा कि लोकतंत्र में किसी को डरने की जरूरत नहीं है। उनका कहना है कि वो झांसी की रानी की तरह साहसी हैं। राखी इस समय अपने विवादास्पद बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। उन पर आरोप है कि उनके बयान से वाल्मीकि समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। राखी ने कहा, ”मैं सोचती हूं कि लोग मुझे जानबूझकर मेरे करियर को खत्म करने के लिए विवाद में खींच रहे हैं। मैंने किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए कुछ भी गलत नहीं कहा।

यहां तक कि मैंने माफी के लिए एक वीडियो बनाया और इसे ऑनलाइन अपलोड किया है।” उन्होंने कहा, ”मैं झांसी की रानी की तरह साहसी हूं और उन सब लोगों से लडूंगी, जो मुझे विवाद में घसीट रहे हैं।” यह पहली बार नहीं है कि वह अपने बयानों के लिए इस तरह की परेशानियों का सामना कर रही हैं। उनसे जब पूछा गया कि वह अपने ज्यादा बोलने के स्वभाव को बदलना चाहती हैं? राखी ने जबाव दिया, ”क्यों? मुझे यह क्यों करना चाहिए? तब फिर लोकतंत्र में रहने का क्या मतलब है? क्या हमें बोलने की आजादी नहीं है?” राखी ने एक प्रेसवार्ता बुलाई थी, जिसमें उन्होंने खुद का बचाव किया। इससे पहले पिछले हफ्ते पंजाब पुलिस की टीम को उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट तामील कराने के लिए मुंबई भेजा गया था।

यह वारंट लुधियाना के एक न्यायालय की ओर से जारी किया गया था। पंजाब में एक न्यायालय ने अभिनेत्री के 9 मार्च को अदालत में उपस्थित न होने के कारण एक वारंट जारी किया था। दरअसल, उनके खिलाफ महर्षि वाल्मीकि के खिलाफ अपमानजनक बयान देने का आरोप लगा था। एक कार्यक्रम के दौरान अभिनेत्री ने महर्षि वाल्मीकि और गायक मीका सिंह में उनके व्यवहार परिवर्तन को लेकर तुलना की थी। इसके खिलाफ वाल्मीकि समुदाय की ओर से भारी प्रतिक्रिया आई थी। उनसे पूछा गया कि वह फिल्म जगत से किसी का समर्थन ले रही हैं? राखी ने कहा, ”पिछले वर्ष मैंने मीका के समर्थन के लिए एक प्रेस सम्मेलन किया था और आज जब मैं मुसीबत में हूं, उसने (मीका सिंह) इस मामले में पूछना भी उचित नहीं समझा। मैं दुखी हूं कि मीका ने मेरे लिए एक भी शब्द नहीं कहा।” उन्होंने दावा किया कि उन्हें समर्थन के लिए आमिर खान और अनुपम खेर का मैसेज मिला है।

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