लोकसभा अध्यक्ष ने संसद की कार्यवाही से बनाई दूरी, वेंकैया नायडू बोले-ये संसद है बाजार नहीं
नई दिल्ली :दिल्ली हिंसा मामले में विपक्ष लगातार संसद में हंगामा कर रहा है। वह सदन में तत्काल चर्चा कराए जाने की मांग पर अड़ा हुआ है। वहीं सोमवार को सदन में हुए हंगामे के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 17 दलों के साथ मंगलवार को बैठक की थी। इसके बाद भी लोकसभा में मंगलवार को हंगामा हुआ और महिला सांसद के साथ धक्का-मुक्की हुई। जिससे लोकसभा अध्यक्ष काफी आहत हैं। ओम बिरला ने बुधवार को सदन की कार्यवाही से खुद को अलग कर लिया और पूरे दिन अपने चेंबर में बैठे रहे। सूत्रों के अनुसार गुरुवार को भी उन्होंने सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लिया। जिसकी वजह से भर्तृहरि महताब ने उनकी जगह सदन का संचालन किया। बता दें कि दिल्ली हिंसा पर चर्चा कराने के लिए अड़े विपक्ष से बिरला ने कहा था कि सरकार होली के बाद लोकसभा में चर्चा के लिए तैयार है। इस प्रस्ताव पर विपक्षी सांसद भड़क गए और पन्ने फाड़कर स्पीकर की तरफ फेंकने लगे। लोकसभा में दिल्ली हिंसा पर जल्द चर्चा कराने की मांग को लेकर कांग्रेस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने गुरुवार को लगातार चौथे दिन भारी शोर-शराबा किया जिसके कारण प्रश्नकाल नहीं चल सका। हंगामे के कारण पीठासीन सभापति भर्तृहरि महताब ने कार्यवाही 11:15 बजे दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। गुरुवार सुबह कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस और द्रमुक के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। वहीं तृणमूल कांग्रेस, सपा, राकांपा एवं अन्य विपक्षी सदस्य अपने स्थानों से ही यह मांग दोहरा रहे थे।
इस दौरान पीठासीन सभापित महताब ने शोर-शराबा कर रहे विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने का आग्रह करते हुए प्रश्नकाल की कार्यवाही आगे बढ़ाने का निर्देश दिया। हालांकि, विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा जारी रहा। पीठासीन सभापति ने कहा, ‘पिछले तीन दिनों से जिस प्रकार से सदन में कामकाज को बाधित किया जा रहा है, उससे लोकसभा अध्यक्ष दुखी हैं, पूरा देश दुखी है।’ उन्होंने कहा कि हम सभी यहां लोगों द्वारा चुनकर आते हैं, अपनी बात रखना चाहते हैं, लोगों से जुड़े मुद्दे उठाना चाहते हैं लेकिन आप (विपक्ष) सदन को चलने नहीं दे रहे हैं। महताब ने कहा कि दिल्ली दंगे का मुद्दा है, कोरोनावायरस के कारण उत्पन्न स्थिति का मुद्दा है, इस पर चर्चा हो। लेकिन जिस प्रकार से सदन को बाधित किया जा रहा है, उससे किसी का फायदा नहीं होने वाला है। राज्यसभा में विपक्षी सांसद दिल्ली हिंसा को लेकर उच्च सदन में लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा, ‘कोई नारा नहीं लगा सकते हैं क्योंकि यह संसद है बाजार नहीं।’ भारी हंगामे के कारण उच्च सदन की कार्यवाही को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।