लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियां सोशल मीडिया विज्ञापनों खास ध्यान दे रही हैं। चुनाव के नजदीक आने पर राजनीतिक दल विज्ञापन खर्च में बड़ी वृद्धि कर सकते हैं।
- कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों का कुल खर्च बीजेपी और उसके सहयोगियों से कम
- विज्ञापनों पर कुल खर्च में 50 पर्सेंट से अधिक की हिस्सेदारी बीजेपी की
- कांग्रेस और सहयोगी दल तीसरे स्थान पर, क्षेत्रीय दल दूसरे पायदान पर
बेंगलुरु : लोकसभा चुनाव से पहले फेसबुक पर राजनीतिक विज्ञापनों के खर्च के लिहाज से बीजेपी अन्य दलों से काफी आगे है। हालांकि, अभी इन विज्ञापनों का शुरुआती दौर है और चुनाव के करीब आने तक राजनीतिक दलों का खर्च काफी बढ़ सकता है। फेसबुक की ओर से फरवरी के लिए उपलब्ध कराए गए डेटा के अनुसार, बीजेपी और उसके सहयोगियों की राजनीतिक विज्ञापनों पर कुल खर्च में 50 पर्सेंट से अधिक की हिस्सेदारी रही।
कांग्रेस और उसके सहयोगी दल तीसरे स्थान पर हैं। क्षेत्रीय दल इस खर्च में दूसरे पायदान पर हैं। राजनीतिक विज्ञापनों पर इस खर्च की गणना में सहयोगियों में एक पार्टी के व्यक्ति, मंत्री, सांसद, विधायक और संगठन के नेताओं के साथ ही वे संगठन भी हैं जो एक विशेष दल को समर्थन देने के लिए कहते हैं। बीजेपी के चुनाव से संबंधित प्रचार से जुड़े नेताओं ने ईटी को बताया कि चुनाव प्रचार समाप्त होने तक पार्टी के विज्ञापनों पर कुल खर्च में सोशल मीडिया की हिस्सेदारी 20-25 पर्सेंट की होगी।
किसने कितना किया खर्च
बीजेपी और उसके सहयोगियों ने फरवरी में फेसबुक पर 2.37 करोड़ रुपये खर्च किए। क्षेत्रीय दलों का खर्च 19.8 लाख रुपये और कांग्रेस और उसके सहयोगियों का 10.6 लाख रुपये रहा। क्षेत्रीय दलों में बीजू जनता दल, नैशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी, तेलुगु देशम पार्टी, वाईएसआर कांग्रेस और शिव सेना ने बड़ा खर्च किया। ब्रैंड कंसल्टेंट हरीश बिजूर ने बताया, ‘सोशल मीडिया पर विज्ञापन का यह खर्च केवल एक झलक है।
बीजेपी का जोर मार्केटिंग पर रहता है। वे ब्रैंड बिल्डिंग और सोशल मीडिया पर विश्वास करते हैं।’ डेटा से पता चलता है कि MyGov जैसे सरकारी डिपार्टमेंट्स और डिजिटल इंडिया जैसे कैम्पेन का भी फेसबुक पर 35 लाख रुपये से अधिक खर्च रहा। यह डेटा फेसबुक ने अपनी ऐड आर्काइव रिपोर्ट के हिस्से के तौर पर उपलब्ध कराया है। ईटी ने इस रिपोर्ट में 5,000 रुपये से अधिक के राजनीतिक विज्ञापनों पर खर्च को ही लिया है।
बनाए हैं कड़े नियम
फेसबुक ने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट लागू होने से पहले राजनीतिक विज्ञापनों के लिए कड़े नियम बनाए हैं। भारतीय राजनीति से जुड़े फेसबुक पर सभी विज्ञापनों को कंपनी के ऑथराइजेशन प्रोसेस का पालन करना होगा। राजनीतिक विज्ञापनों में अब उनके प्रशासकों और फंड देने वालों के विवरण भी दिखेंगे।
फेसबुक और इंस्टाग्राम को ज्यादा विज्ञापन
बीजेपी के नेताओं का कहना है कि बीजेपी के सोशल मीडिया पर विज्ञापन के बजट का बड़ा हिस्सा फेसबुक और उसके फोटो शेयरिंग प्रॉडक्ट इंस्टाग्राम को मिलने की उम्मीद है।
‘भारत के मन की बात’ पर ज्यादा खर्च
फेसबुक विज्ञापनों के जरिए बीजेपी के आधिकारिक चुनाव प्रचार में पार्टी का पेज ‘भारत के मन की बात’ प्रमुख है। इस पर फरवरी में 1 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए।