अभी लोकसभा चुनाव करीब 11 महीने बाद प्रस्तावित है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 14 जुलाई 2018 से चुनावी मोड में आ गए हैं। आजमगढ़ से उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर जोरदार राजनीतिक हमला बोला है। प्रधानमंत्री के साथ-साथ भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उज्जैन में महाकाल का दर्शन करके उनसे आशीर्वाद मांगा है।
शाह ने यह मत्था कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ के महाकाल को चिट्ठी लिखकर विजय का आशीर्वाद मांगने के बाद टेका है। इतना ही नहीं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के हवाले से पहले भाजपा नेता ने 2019 के आम चुनाव से पहले राम मंदिर निर्माण शुरू होने का दावा किया और फिर पार्टी ने इस वक्तव्य पर विवाद बढ़ने की आशंका देखकर इसका खंडन भी कर दिया।
जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने पूर्वांचल के विकास, गांव, दलित, अपनी सरकार के कामकाज, बदलाव के बारे में बताया, लेकिन इसी के साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर सीधा हमला बोला। प्रधानमंत्री ने कहा कि राहुल गांधी अपनी पार्टी को मुसलमानों की पार्टी बताते हैं। तो क्या यह मुस्लिमों की पार्टी केवल पुरुषों की भी है या महिलाओं की भी है। प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी से पूछा कि क्या मुस्लिम महिलाओं के लिए भी जगह है उनके पास?
प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी की मुस्लिम बुद्धिजीवियों से भेंट पर तंज कसते हुए उन्हें नसीहत भी दी कि अभी संसद का मानसून सत्र शुरू होने में चार-पांच दिन का समय है। उन्हें चाहिए कि वह इससे पहले तलाक और हलाला की पीड़ित महिलाओं से मिलकर संसद भवन में आएं। प्रधानमंत्री के इस आक्रामक रुख से साफ है कि सत्ता पक्ष संसद के मानसून सत्र में आक्रामक रवैया अपनाने के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री मोदी ने चार साल के अपने कार्यकाल में हुए कामकाज के साथ-साथ विभिन्न मंत्रालयों की शुरू हुई परियोजनाओं का भी ब्यौरा मांगा है। ताकि समय रहते इन परियोजनाओं के शिलान्यास अथवा उद्घाटन की तैयारी की जा सके। देश की जनता को सरकार द्वारा किए गए विकास का संकेत दिया जा सके। माना जा रहा है कि आने वाले समय में प्रधानमंत्री करीब चार दर्जन परियोजनाओं के जरिए देश के हर हिस्से में जाकर देश की जनता को संबोधित कर सकते हैं। इसमें से कुछ परियोजनाओं को वह हरी झंडी दिखाएंगे, कुछ का शिलान्यास करेंगे और जो परियोजनाएं पूरी हो गई हैं, उन्हें देश की जनता को सौंपेंगे। इसी तरह से भाजपा अध्यक्ष ने राजस्थान, मिजोरम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के अलावा देश के सभी राज्यों में व्यापक दौरा करने और जनसभा को संबोधित करने की योजना बनाई है।
कांग्रेस भी पीछे नहीं
कांग्रेस के नेता भी 2019 में प्रस्तावित लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी भी पीछे नहीं है। पार्टी प्रकोष्ठ, विभाग और युवक कांग्रेस से लेकर एनएसयूआई विंग तक पूरी तरह से सक्रिय है। कांग्रेस पार्टी का अल्पसंख्यक विभाग भी कड़ी मेहनत कर रहा है। रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन, मुस्लिम बुद्धिजीवियों से राहुल गांधी की मुलाकात आदि कराना उसी का प्रयास है। इसी तरह से कांग्रेस के महिला विंग की प्रमुख सुष्मिता देव लगातार सक्रिय हैं। कांग्रेस वरिष्ठ नेता शशि थरूर के बयान से पार्टी भले ही किनारा कर ले, लेकिन थरूर ने यह बयान यूं ही नहीं दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबीं आजाद, अहमद पटेल, अशोक गहलोत, कमलनाथ, ओमान चांडी कड़ी मेहनत कर रहे हैं। ये नेता सहयोगी दलों के नेताओं तथा संभावित दलों के प्रमुखों से मिलकर गठबंधन तैयार करने में व्यस्त हैं।
यशवंत सिन्हा ने कहा- सरकार चुनावी मोड में
भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार और भाजपा को अभी से चुनावी मोड में बताया है। उनका कहना है कि सरकार कभी इस स्थिति से ऊबर ही नहीं पाई। वह जम्मू-कश्मीर में राज्य सरकार से समर्थन वापस लेने को भी भाजपा के लोकसभा चुनाव के मोड में जाने से जोड़कर देख रहे हैं। सिन्हा का कहना है कि यह हम नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर के लोग सोच रहे हैं। सिन्हा कहते हैं कि इस तरह की स्थितियां भारत जैसे लोकतंत्र के लिए अच्छी नहीं कही जा सकती।