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लोस उपचुनाव: कविता खन्ना के सामने सलारिया और साहनी,

दीनानगर.विनोद खन्ना के निधन के बाद खाली हुई गुरदासपुर लोकसभा उपचुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। एक तरफ विनोद खन्ना की पत्नी कविता खन्ना इस सीट पर दावा जता रही हैं तो दूसरी ओर उनको टक्कर देने के लिए गुरदासपुर के बड़े बिजनेसमैन स्वर्ण सलारिया और आरएसएस के करीबी जगदीश साहनी तैयार हैं। वैसे, कार्यकर्ता हलके से संबंधित नेता को हलके का प्रतिनिधित्व सौंपने के पक्ष में हैं।
लोस उपचुनाव: कविता खन्ना के सामने सलारिया और साहनी,
 
2009 का लोकसभा चुनाव हारने के बाद विनोद खन्ना की हलके में सक्रियता कम हो गई थी तो सलारिया ने अपनी सक्रियता से इस शून्य को दूर करने का प्रयास किया था। 2014 में योगगुरु स्वामी रामदेव के भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से सलारिया को सीट देने की वकालत के बावजूद भाजपा ने खन्ना को चुनाव मैदान में उतारा। सलारिया ने आजाद चुनाव लड़ने का ऐलान किया लेकिन विनोद खन्ना का अंतिम चुनाव बताकर 2019 के चुनाव में टिकट देने की बात पर सलारिया को मनाया गया था। चौथी बार विनोद खन्ना बीमार हुए तो सलारिया फिर हलके में सक्रिय हुए।

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3 बार विस चुनावों में जीत ने बनाया साहनी का आधार

भाजपाके वरिष्ठ नेता जगदीश साहनी का नाम भी उभरकर सामने रहा है। साहनी आरएसएस भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के करीबी माने जाते हैं। गुरदासपुर से चार बार विधानसभा एक बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। तीन बार विधानसभा चुनाव जीत अच्छा आधार साबित कर चुके हैं। इस विधानसभा चुनाव आम आदमी पार्टी ने काफी डोरे डाले थे लेकिन उन्होंने भाजपा का साथ छोड़ने से इंकार कर दिया था।
 
आम लोगों से नहीं जुड़ सकीं कविता खन्ना
कविता खन्ना भी आम लोगों से जमीनी स्तर पर जुड़ाव नहीं कर सकीं। भाजपा में साइड लाइन कुछ नेता खुद को खन्ना का करीबी होने का दम भर कविता को चुनाव मैदान में उतारने की मांग कर रहे हैं ताकि उनका मद्धम राजनीतिक करियर फिर से उड़ान भर सके। एक पूर्व विधायक के बेटे के बारे में मालूम होने के बावजूद उनके सही नाम का पता होना विनोद खन्ना के कार्यकर्ताओं के बीच मेलजोल को दर्शाता है।

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