जीवनशैली

लो विजन से जूझ रहे लोगों भी अब इस तरह देख सकेंगे दुनिया

नजर की समस्या से जूझ रहे लोगों की तकलीफों को कम करने के लिए ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च यूनिट से आए ऑक्साइट लिमिटेड ने एडवांस्ड सेंटर फॉर साइट एन्हांसमेंट का गठन किया है. इसके लिए इस संगठन ने अंसल यूनिवर्सिटी के साथ साझेदारी की है. इस सेंटर में देखने की समस्या से जूझ रहे लोगों की मदद के लिए रिसर्च की जाएगी.लो विजन से जूझ रहे लोगों भी अब इस तरह देख सकेंगे दुनिया

सुशांत ऑक्साइट लो विजन सेंटर की शुरुआत गुरुग्राम के अंसल यूनिवर्सिटी में की जा रही है. यहां छात्रों को इस नई तकनीक के बारे में पढ़ाया जायगा. इसके अलावा ये सेंटर दिल्ली और गुरुग्राम के नेत्र अस्पताल में भी सेंटर स्थापित करेंगे. यहां पर मरीजों के साथ ऑक्साइट स्मार्ट ग्लासेज की सुविधा दी जाएगी.

बता दें कि ऑक्साइट स्मार्ट ग्लासेज एक तरीके के आधुनिक चश्मे हैं जिनको पहन कर लो विजन वाले मरीज भी आसानी से देख सकेंगे. अंसल यूनिवर्सिटी की डायरेक्टर प्रोफेसर मोनिका चौधरी ने बताया, “हमारा मुख्य उद्देश्य भारत मे हॉस्पिटल और आई क्लिनिक के बीच एक बेहतर तालमेल बैठाना है जिससे हम भारत मे लो विजन और साइट लॉस के मरीज़ों की जरूरतों का सही आकलन कर सकें और उनको बेहतर चिकित्सा मुहैया करा सकें, इसके लिए हम सर्टिफिकेट कोर्स कराएंगे”

इस बारे में ऑक्साइट लिमिटेड के राकेश रोशन का कहना है कि ये कोलैबोरेशन भारत में नजर की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए नए दरवाजे, नए विकल्प खोजने के इरादे से बेहद महत्वपूर्ण हैं, अगर हम इसको लेकर लोगों को जागरुक कर पाएं तो ये अपने आप में नजर की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए क्रांति साबित होगी. हालांकि उन्होंने कहा कि ये तकनीक अभी थोड़ी महंगी जरूर है, पर आगे चलकर किफायती हो जाएगी.

Related Articles

Back to top button