लखनऊ: तहसील परिसर के स्थानांतरण का विरोध कर रहे वकीलों पर बीते सोमवार को हुए बर्बर लाठीचार्ज पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने इस बाबत बुधवार को राज्य सरकार और जिला प्रशासन से जवाब-तलब किया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस राजन राय की बेंच ने केस को सुबह सवा दस बजे सुनवाई के लिए लगाते हुए प्रशासनिक मशीनरी को अपना पक्ष रखने का अवसर दिया है। लखनऊ बेंच ने यह आदेश तहसील के स्थानीय वकील प्रिंस लेनिन की ओर से पेश याचिका पर पारित किया है। याचिका पर बहस करते हुए अवध बार एसोसिएशन के महासचिव रमेश पांडेय ने कहा कि प्रशासन ने सालों से चल रही तहसील को शनिवार रातों रात चोंरो की तरह देवा रोड पर स्थानांतरित करना शुरू कर दिया। ऐसे में जब इस बात का वकीलों ने विरोध किया तो मारापीटा गया। बताते चलें कि, सोमवार को फिर जब कोर्ट खुला और वकील जिलाधिकारी को ज्ञापन देने जा रहे थे तो फिर से पुलिस और प्रशासन ने वकीलों पर लाठियां भांजी। इसमें कई वकीलों को गंभीर चोटें आई और उनकी गाडि़यां भी तोड़ दी गईं। रमेश पांडेय ने कोर्ट से मांग की है कि लाठीचार्ज की घटना की न्यायिक जांच हो और दोषी अधिकारियेां के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।