स्वास्थ्य

वजन घटाना इतना खतरनाक की दिमाग हो सकता है डैमेज

मोटापा कम करने की थेरपी एक महिला के लिए खतरनाक साबित हुई। नांदेड़ की 33 साल की गौरी आत्रे ने मोटापा कम करने के लिए नेचुरोपथीपर आधारित वेट लॉस प्रोग्राम की मदद ली जिसका परिणाम उनके लिए बहुत भयावह रहा। उनका न्यूरोलॉजिकल सिस्टम पूरी तरह बर्बाद हो चुका है। अब वह न सही से चल पा रही हैं और न ही बोल पा रही हैं। उनको सही से बैठने में भी दिक्कत महसूस होती है। वजन घटाना इतना खतरनाक की दिमाग हो सकता है डैमेज

रुबी हॉल क्लिनिक, पुणे, जहां वह भर्ती थीं, के डॉक्टरों ने बताया कि उनको इसके अलावा कई और समस्या हो गई है जैसे हाथ, गले और पैर में कई ट्यूमर हो गए हैं। 

नांदेड़ में आत्रे को 26 अगस्त, 2017 को निसारगंजली संस्था नाम की एक क्लिनिक में भर्ती कराया गया था। इस संस्था को डॉ.सुनील कुलकर्णी चलाते हैं जिसमें नेचुरोपथी की मदद से मोटापा घटाने का इलाज किया जाता है। आत्रे इस संस्था में 21 दिनों तक रहीं जिसके बाद घर आ गईं और डॉक्टर की सलाह के मुताबिक दवा और लिक्विड डायट लेती रहीं। 

आत्रे की मां माया भास्कर ने बताया, नवंबर के पहले सप्ताह में उनकी तबियत बिगड़ने लगी। उसने दृष्टि दोष, कमजोरी, सांस में दिक्कत और याददाश्त खोने की शिकायत की। इसके बाद उसको नांदेड़ के जीजामाता हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी तबियत सही नहीं हुई। फिर हम उसको अपोलो हॉस्पिटल, हैदराबाद ले गए जहां उसका 20 दिनों तक इलाज चला। वहां डॉक्टरों ने कुछ जांच करवाए और कहा कि उसका न्यूरोलॉजिकल सिस्टम तबाह हो गया है। वह पहले की तरह लिक्विड डायट भी नहीं ले पा रही है। अब वह न चल पाती है औ न बोल पाती है, सिर्फ रोती है। 

बाद में आत्रे को 23 फरवरी, 2018 को रुबी हॉल क्लिनिक में भर्ती कराया गया जहां कई जांच के बाद पता चला कि अतीत की किसी घटना के कारण उनका मस्तिष्क क्षतिग्रस्त हो गया है। 

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